25th Anniversary of Kargil Victory: Indian Army Launches Motorcycle Rally; कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ: भारतीय सेना ने शुरू किया मोटरसाइकिल अभियान

हाल ही में, भारतीय थल सेना ने कारगिल युद्ध के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए अखिल भारतीय मोटरसाइकिल अभियान शुरू किया है। यह अभियान उन वीर सैनिकों की याद में आयोजित किया गया है जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस अभियान का उद्देश्य नई पीढ़ी को उन महान बलिदानों की याद दिलाना और उन्हें प्रेरित करना है।

कारगिल युद्ध (1999):

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के कारगिल जिले में तथा नियंत्रण रेखा (LoC) पर लड़ा गया था। वर्तमान में कारगिल जिला केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है। इस युद्ध में पाकिस्तान का उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच संपर्क को अवरुद्ध करना और भारतीय सेना की स्थितियों को कमजोर करना था।

युद्ध की पृष्ठभूमि

यह युद्ध 1999 में लाहौर घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद शुरू हुआ था। इस घोषणा-पत्र में शांतिपूर्ण संबंधों के लिए फ्रेमवर्क प्रदान किया गया था। इसके तहत जम्मू और कश्मीर के मुद्दे सहित सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण तरीकों से हल किया जाना था।

घटनाक्रम

3 मई 1999 को एक चरवाहे ने भारतीय सेना को कारगिल में पाकिस्तान सेना के घुसपैठ कर कब्जा जमा लेने की सूचना दी। इसके बाद 5 मई को भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम जानकारी लेने कारगिल पहुँची तो पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया और उनमें से 5 की हत्या कर दी। 9 मई को पाकिस्तानियों की गोलाबारी से भारतीय सेना का कारगिल में मौजूद गोला-बारूद का स्टोर नष्ट हो गया।

10 मई को पहली बार लद्दाख का प्रवेश द्वार यानी द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया। 26 मई को भारतीय वायुसेना को कार्यवाही के लिए आदेश दिया गया। 27 मई को कार्यवाही में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। अंततः 26 जुलाई को कारगिल युद्ध आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया।

युद्ध की प्रमुख घटनाएं

युद्ध के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल से बाहर निकाल दिया था। साथ ही, वह ऑपरेशन विजय के एक हिस्से के रूप में टाइगर हिल और अन्य चौकियों पर फिर से नियंत्रण पाने में सफल रही थी। यह एक कठिन और साहसिक अभियान था जिसमें भारतीय सेना ने अपनी अद्वितीय रणनीति और धैर्य का प्रदर्शन किया।

युद्ध के बाद का घटनाक्रम:

युद्ध के बाद, कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर कई सैन्य और आसूचना (इंटेलिजेंस) संबंधी सुधार किए गए थे। इस समिति ने निम्नलिखित सिफारिशें की थीं:

  1. रक्षा मंत्रालय और सेना मुख्यालयों के बीच तंत्र तथा उनके मध्य इंटरफेस को पुनर्गठित करना चाहिए: इसी को ध्यान में रखते हुए बाद में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित किया गया।
  2. निगरानी क्षमता को मजबूत करना चाहिए: आवश्यक तकनीक को स्वदेशी रूप से विकसित करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने में अधिक सक्षम हो सकें।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार: सुरक्षा संबंधी खतरों के बारे में प्रधानमंत्री को सलाह देने के लिए पूर्णकालिक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया जाना चाहिए।

सुधार और उनकी भूमिका

इन सुधारों ने भारतीय सेना और रक्षा तंत्र को और अधिक सशक्त और संगठित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारतीय सेना की निगरानी और प्रतिक्रिया क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे देश की सुरक्षा और अधिक मजबूत हुई है।

कारगिल युद्ध के नायकों का सम्मान:

कारगिल युद्ध ने न केवल भारतीय सेना के पराक्रम और साहस का प्रतीक बनकर हमारे दिलों में जगह बनाई है, बल्कि इसने देश की सुरक्षा व्यवस्था को भी मजबूत किया है। इस युद्ध के नायकों की वीरता और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनके सम्मान में आयोजित यह मोटरसाइकिल अभियान हमें उनके बलिदान की याद दिलाता है और देश के प्रति हमारे कर्तव्य को मजबूत करता है।

वर्तमान परिप्रेक्ष्य

कारगिल युद्ध के 25 वर्ष पूरे होने पर, देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये कार्यक्रम न केवल हमारे वीर जवानों के बलिदान को सम्मानित करते हैं, बल्कि हमें यह भी याद दिलाते हैं कि स्वतंत्रता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए हमें हमेशा सतर्क और तैयार रहना चाहिए।

निष्कर्ष:

कारगिल युद्ध ने भारतीय सेना और देश के नागरिकों को एकजुट किया और हमारे रक्षा तंत्र में आवश्यक सुधारों की नींव रखी। आज, जब हम इस युद्ध के पच्चीस वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे सैनिकों के बलिदान को कभी भुलाया न जाए और हम हमेशा उनके दिखाए मार्ग पर चलते रहें। उनके साहस और पराक्रम की गाथा हमें प्रेरित करती रहेगी और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हमारे प्रयासों को प्रोत्साहित करती रहेगी।

FAQs:

कारगिल युद्ध कब लड़ा गया था?

कारगिल युद्ध 1999 में लड़ा गया था।

कारगिल युद्ध का मुख्य उद्देश्य क्या था?

पाकिस्तान का उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच संपर्क को अवरुद्ध करना था।

कारगिल युद्ध के बाद क्या सुधार किए गए?

युद्ध के बाद कारगिल समीक्षा समिति की सिफारिशों के आधार पर सैन्य और आसूचना संबंधी कई सुधार किए गए, जैसे चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित करना और निगरानी क्षमता को मजबूत करना।

कारगिल युद्ध की प्रमुख घटनाएं क्या थीं?

युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने टाइगर हिल और अन्य महत्वपूर्ण चौकियों पर फिर से कब्जा किया और पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर निकाल दिया।

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