21 जून 2024 को, दुनिया भर में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IYD) मनाया गया। यह विशेष दिवस योग के लाभों और इसके महत्व को वैश्विक स्तर पर फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी, और तब से हर साल यह दिवस पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और योग के प्रति उनकी रुचि को बढ़ावा देना है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत:
भारत ने इस दिवस को मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पेश किया था, जिसे 175 सदस्य देशों ने समर्थन दिया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य योग के माध्यम से स्वास्थ्य और सेहत को सुधारने के विभिन्न लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब एक वैश्विक घटना बन चुका है, जिसमें लाखों लोग विभिन्न योग सत्रों, कार्यशालाओं और संगोष्ठियों में भाग लेते हैं, और योग के महत्व को समझते हैं।
योग के बारे में:
अर्थ: “योग” शब्द संस्कृत के “युज” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “मिलाना” या “जोड़ना”। इसे शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के संयोग के रूप में देखा जा सकता है। साथ ही, इसे संपूर्ण स्वास्थ्य और सेहतमंदी का राज भी माना जाता है।
दर्शन: छह भारतीय दर्शनों (षड्दर्शन) में “योग” दर्शन भी शामिल है। शेष पांच भारतीय दर्शन हैं- वैशेषिक, न्याय, सांख्य, पूर्व मीमांसा और वेदांत या उत्तर मीमांसा।
योग की उत्पत्ति:
सिंधु घाटी सभ्यता की कई मुहरों और जीवाश्म अवशेषों में “योगाभ्यास” के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। इससे पता चलता है कि प्राचीन काल से ही भारत में योग का अभ्यास किया जाता रहा है। “योग” शब्द का उल्लेख चारों वेदों में किया गया है। हालांकि, दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व के पतंजलि के “योगसूत्र” में योग का व्यवस्थित तरीके से उल्लेख मिलता है।
योग और सांस्कृतिक कूटनीति:
योग “भारत की सॉफ्ट पावर” कूटनीति के एक प्रमुख साधन के रूप में सामने आया है। साथ ही, यह सांस्कृतिक कूटनीति में प्रमुख भूमिका निभाते हुए “भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक दूत” के रूप में भी उभरा है। सांस्कृतिक कूटनीति का अर्थ है “एक-दूसरे की समझ को बढ़ावा देने के लिए देशों और उनके लोगों के बीच विचारों, जानकारियों, कला रूपों, भाषा और संस्कृति के अन्य पहलुओं का आदान-प्रदान”।
ग्रीष्म संक्रांति या अयनांत (21 जून):
21 जून को उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति या अयनांत होता है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर झुका होता है और सूर्य की किरणें सीधे कर्क रेखा पर पड़ती हैं। उत्तरी ध्रुव के सूर्य की ओर झुकाव के चलते आर्कटिक वृत्त से उत्तर में मौजूद स्थानों पर लगभग छह महीने तक लगातार दिन का उजाला रहता है। उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन और सबसे छोटी रात 21 जून को होती है। इस समय दक्षिणी गोलार्ध में ठीक इसके उलट स्थितियां होती हैं, अर्थात सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम:
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम “योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी” थी। इस थीम के तहत विभिन्न योग सत्र, कार्यशालाएं और संगोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिनमें लोगों को योग के लाभ और उसके विभिन्न आसनों के बारे में जानकारी दी गई।
योग को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम:
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) और योग को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें आयुष मंत्रालय की स्थापना शामिल है, यह मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) के आयोजन और प्रचार में केंद्रीय भूमिका निभाता है। दुनिया भर में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास योग कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, जिससे योग का वैश्विक प्रचार होता है। केंद्र सरकार ने सभी आयु और क्षमताओं के लिए उपयुक्त कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) विकसित किया है। इसके अलावा, M-Yoga ऐप और IDY की नई वेबसाइट जैसी डिजिटल पहलों ने भी योग को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने में मदद की है।
खेल मंत्रालय ने योग को एक खेल अनुशासन के रूप में मान्यता दी है और इसे ‘प्राथमिकता’ श्रेणी में रखा है। ब्यूटी एंड वेलनेस सेक्टर स्किल काउंसिल, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के तहत एक गैर-लाभकारी संगठन, CBSE स्कूलों में योग के व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देता है। फिट इंडिया मूवमेंट के हिस्से के रूप में भी योग को व्यापक रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे योग का महत्व बढ़ रहा है।
स्वामी विवेकानंद जिला योग स्वास्थ्य केंद्र और आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र जैसी पहलें योग अभ्यास को जमीनी स्तर पर, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, बढ़ावा दे रही हैं। इन पहलों के माध्यम से, भारत योग को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने और लोगों के स्वास्थ्य और भलाई को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
योग के लाभ:
योग के कई शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभ हैं:
शारीरिक लाभ
योग के शारीरिक लाभ असंख्य हैं और यह हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने में अत्यंत सहायक है। विभिन्न योगासन हमारे शरीर की मांसपेशियों को ताकतवर बनाते हैं और लचीलापन बढ़ाते हैं। नियमित योगाभ्यास से शरीर का संतुलन और समन्वय में सुधार होता है। इसके अलावा, योग से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति बेहतर तरीके से होती है। यह शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने और वजन नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
मानसिक लाभ
योग का मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव होता है। योगाभ्यास से मानसिक शांति प्राप्त होती है और तनाव व चिंता कम होते हैं। ध्यान और प्राणायाम की तकनीकें मन को स्थिर और शांत बनाती हैं। योग से नींद में भी सुधार होता है, जिससे अनिद्रा की समस्या दूर होती है। इसके अलावा, योग से मनोबल और एकाग्रता में वृद्धि होती है, जिससे हमारी स्मरणशक्ति और मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ती है।
आत्मिक लाभ
योग केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागृति का भी माध्यम है। योग के माध्यम से हम अपने भीतर की आत्मा से जुड़ सकते हैं और आत्मज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। यह आंतरिक शांति और संतोष का अनुभव कराता है, जो हमारे जीवन में सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ाता है। योग के अभ्यास से हमें आत्मिक शुद्धि प्राप्त होती है, जिससे हमारे जीवन की दिशा और उद्देश्य स्पष्ट होते हैं।
निष्कर्ष:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस न केवल योग के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि यह विश्व भर में योग के अभ्यास को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस दिन योग के प्रति लोगों की रुचि और समर्पण को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम और आयोजन किए जाते हैं। योग के माध्यम से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का प्रयास किया जाता है, बल्कि यह सांस्कृतिक कूटनीति को भी मजबूत करता है, जो भारत की वैश्विक पहचान को और सुदृढ़ बनाता है।
FAQs:
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कब हुई थी?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने की थी, और पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य लोगों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और योग के प्रति उनकी रुचि को बढ़ावा देना है।
योग का शाब्दिक अर्थ क्या है?
“योग” शब्द संस्कृत के “युज” धातु से बना है, जिसका अर्थ है “मिलाना” या “जोड़ना”।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम “योग फॉर सेल्फ एंड सोसाइटी” है।
योग की उत्पत्ति कब हुई थी?
सिंधु घाटी सभ्यता की कई मुहरों और जीवाश्म अवशेषों में “योगाभ्यास” के साक्ष्य प्राप्त होते हैं। इससे पता चलता है कि प्राचीन काल से ही भारत में योग का अभ्यास किया जाता रहा है।
भारत ने योग को बढ़ावा देने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए हैं?
भारत ने आयुष मंत्रालय की स्थापना, M-Yoga ऐप, IDY की नई वेबसाइट, कॉमन योग प्रोटोकॉल (CYP) और स्वामी विवेकानंद जिला योग स्वास्थ्य केंद्र जैसी कई पहलों के माध्यम से योग को बढ़ावा दिया है।