केरल का कोझिकोड शहर औपचारिक रूप से यूनेस्को की ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ सूची में शामिल होने वाला भारत का पहला शहर बन गया है। इस ऐतिहासिक अवसर पर केरल सरकार ने हर साल 23 जून को कोझिकोड में ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ दिवस मनाने की घोषणा की है। अक्टूबर 2023 में यूनेस्को ने कोझिकोड को भारत का पहला यूनेस्को ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ घोषित किया था और इसे यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) की साहित्यिक श्रेणी में शामिल किया था।
कोझिकोड के बारे में:
अवस्थिति:
कोझिकोड, जिसे कालीकट भी कहा जाता है, मालाबार तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। माना जाता है कि “कैलीको” शब्द की उत्पत्ति कालीकट से ही हुई है। ‘कैलीको’ हाथ से बुने हुए महीन सूती वस्त्र को कहा जाता है।
कोझिकोड का इतिहास:
- शासक:
मध्यकाल में इस पर समूतिरियों यानी जमोरिनों का शासन था। यह साम्राज्य अपनी समृद्धि और शक्ति के लिए प्रसिद्ध था। जमोरिनों का शासन यहां की सांस्कृतिक और व्यापारिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। - मसालों का शहर:
कोझिकोड का ऐतिहासिक महत्व मसालों के व्यापार में भी है। यह शहर यहूदियों, अरबों, फोनेशियन और चीन के लोगों के साथ 500 से अधिक वर्षों से काली मिर्च एवं इलायची जैसे मसालों के व्यापार में शामिल रहा है। यह शहर भारतीय मसालों के वैश्विक व्यापार का एक प्रमुख केंद्र रहा है। - आने वाले विदेशी यात्री:
14वीं शताब्दी में रेहला के लेखक इब्न बतूता ने कोझिकोड की यात्रा की थी। 15वीं शताब्दी में पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा और फारसी राजदूत अब्दुल रज्जाक ने भी कोझिकोड की यात्रा की थी। इन यात्रियों के यात्रा वृतांतों में कोझिकोड की समृद्धि और व्यापारिक गतिविधियों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
कोझिकोड का वर्तमान में महत्त्व:
- साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र:
कोझिकोड शहर केरल में साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र है। यहाँ 500 से अधिक पुस्तकालय और 70 से अधिक प्रकाशक मौजूद हैं, जो इस शहर को साहित्यिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बनाते हैं। - साहित्यिक परंपरा:
इस शहर में साहित्य के अध्ययन की समृद्ध परंपरा भी मौजूद है। यहां के साहित्यिक संस्थान और पुस्तकालय स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाते हैं। - मूर्तियों का शहर:
2012 में इस शहर को “मूर्तियों का शहर” (शिल्प-नगरम) का दर्जा दिया गया था। यह दर्जा इस शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्थित विविध स्थापत्य-मूर्तिकलाओं के कारण दिया गया था।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) के बारे में:
शुरुआत:
UCCN की स्थापना 2004 में की गई थी। इसका उद्देश्य उन शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, जिन्होंने रचनात्मकता को संधारणीय शहरी विकास का एक प्रमुख माध्यम बनाया है।
शामिल किए गए शहर:
दुनिया भर के 350 शहर इस नेटवर्क का हिस्सा हैं।
श्रेणियाँ:
शहरों को सात रचनात्मक श्रेणियों में शामिल किया जाता है: शिल्प और लोक कला, डिजाइन, फिल्म, पाक-कला (गैस्ट्रोनॉमी), साहित्य, मीडिया कला तथा संगीत।
महत्त्व:
UCCN दर्जा प्राप्त होने पर शहर को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलती है और इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है। यह नेटवर्क शहरों के बीच रचनात्मक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करता है।
UCCN में शामिल अन्य भारतीय शहर:
- सिटी ऑफ म्यूजिक: ग्वालियर, चेन्नई, वाराणसी
- सिटी ऑफ फिल्म: मुंबई
- सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी: हैदराबाद
- सिटी ऑफ क्राफ्ट्स एंड फोक आर्ट्स: जयपुर, श्रीनगर
कोझिकोड: साहित्यिक समृद्धि और सांस्कृतिक धरोहर
कोझिकोड का ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ के रूप में मान्यता प्राप्त करना भारत के साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान है। यह शहर अब वैश्विक स्तर पर साहित्यिक गतिविधियों के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा। कोझिकोड की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए, हमें इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा और संस्कृति को और अधिक प्रोत्साहित करने का प्रयास करना चाहिए।
कोझिकोड की साहित्यिक परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय समुदाय, साहित्यिक संस्थान और सरकार के संयुक्त प्रयास आवश्यक हैं। यह शहर न केवल साहित्य के क्षेत्र में बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
निष्कर्ष:
कोझिकोड का यूनेस्को की ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ सूची में शामिल होना भारत के लिए गर्व का विषय है। यह शहर साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रहा है और यह मान्यता इसके साहित्यिक और सांस्कृतिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमें कोझिकोड की इस उपलब्धि पर गर्व करते हुए इसकी साहित्यिक धरोहर को और अधिक प्रोत्साहित करने की दिशा में मिलकर काम करना चाहिए।
FAQs:
कोझिकोड ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ क्यों चुना गया?
कोझिकोड को उसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा, 500 से अधिक पुस्तकालयों और 70 से अधिक प्रकाशकों के कारण ‘सिटी ऑफ लिटरेचर’ के रूप में चुना गया।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) क्या है?
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क (UCCN) एक नेटवर्क है जिसमें उन शहरों को शामिल किया जाता है जिन्होंने रचनात्मकता को संधारणीय शहरी विकास का एक प्रमुख माध्यम बनाया है। इसकी स्थापना 2004 में हुई थी।
कोझिकोड का इतिहास क्या है?
कोझिकोड का इतिहास समूतिरियों (जमोरिनों) के शासन से जुड़ा है। यह शहर मसालों के व्यापार में महत्वपूर्ण केंद्र रहा है और यहूदी, अरबी, फोनेशियन और चीनी व्यापारियों के साथ व्यापार करता था।
यूनेस्को की सूची में अन्य कौन-कौन से भारतीय शहर शामिल हैं?
कोझिकोड के अलावा, अन्य भारतीय शहर जैसे ग्वालियर, चेन्नई, और वाराणसी ‘सिटी ऑफ म्यूजिक’, मुंबई ‘सिटी ऑफ फिल्म’, हैदराबाद ‘सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी’, और जयपुर व श्रीनगर ‘सिटी ऑफ क्राफ्ट्स एंड फोक आर्ट्स’ के रूप में शामिल हैं।
कोझिकोड का पुराना नाम क्या है?
कोझिकोड का पुराना नाम कालीकट है।