ISRO Expresses Desire to Join Global Planetary Defense Efforts; इसरो ने ग्रह की रक्षा के वैश्विक प्रयासों में शामिल होने की इच्छा जताई:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO/ इसरो) ने ‘ग्रह की रक्षा के वैश्विक प्रयास‘ (Global Planetary Defense Efforts) का हिस्सा बनने की इच्छा प्रकट की है। इस वर्ष विश्व क्षुद्रग्रह दिवस (Asteroid Day) पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में इसरो के अध्यक्ष ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसरो पृथ्वी ग्रह की रक्षा प्रयासों की तैयारी के लिए एस्टेरॉयड अपोफिस का अध्ययन करने का इच्छुक है। जब 2029 में अपोफिस पृथ्वी से 32,000 किमी दूर होगा, तब इसरो उसका अध्ययन करेगा। इस प्रयास का उद्देश्य क्षुद्रग्रह को पृथ्वी से टकराने से रोकना है।

विश्व क्षुद्रग्रह दिवस:

प्रति वर्ष 30 जून को विश्व क्षुद्रग्रह दिवस (Asteroid Day) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य पृथ्वी पर क्षुद्रग्रहों के संभावित खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनसे निपटने के उपायों पर ध्यान केंद्रित करना है। इस वर्ष आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में, इसरो अध्यक्ष ने ग्रह की रक्षा के प्रयासों में योगदान करने की इसरो की इच्छा को प्रकट किया।

क्षुद्रग्रह अपोफिस के बारे में:

क्षुद्रग्रह अपोफिस की खोज 2004 में की गई थी। यह एक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near-Earth Object: NEO) है और इसे पृथ्वी को प्रभावित करने वाले सबसे खतरनाक क्षुद्रग्रहों में से एक के रूप में पहचाना गया है। हालांकि, मार्च 2021 में एक रडार अवलोकन अभियान संचालित किया गया था, जिसने सटीक कक्षा विश्लेषण के साथ, खगोलविदों को यह निष्कर्ष निकालने में मदद की कि कम-से-कम एक सदी तक अपोफिस के हमारे ग्रह को नुकसान पहुँचाने का कोई जोखिम नहीं है।

सौर मंडल में अरबों धूमकेतु और क्षुद्रग्रह होते हैं। इनमें से अधिकांश कभी भी पृथ्वी के पास नहीं आते। जब कोई धूमकेतु या क्षुद्रग्रह की कक्षा उसे पृथ्वी के करीब लाती है, तो उसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (NEO) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।

ग्रहीय रक्षा (Planetary Defense):

ग्रहीय रक्षा उन प्रयासों और रणनीतियों को व्यक्त करता है जो क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं जैसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स के संभावित प्रभावों से पृथ्वी की रक्षा करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। इन प्रयासों और रणनीतियों में डिटेक्शन, ट्रैकिंग, प्रभाव आकलन, और मार्ग बदलने जैसी कई रणनीतियाँ शामिल हैं।

ग्रहीय रक्षा की आवश्यकता

यदि नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स का मार्ग पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करता है, तो उनके आकार, गति, कोण और प्रभाव क्षेत्र के आधार पर पृथ्वी को बहुत अधिक नुकसान हो सकता है। इससे पृथ्वी पर सुनामी, भूकंप और संभावित आगजनी से अरबों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

पृथ्वी ग्रह की रक्षा के लिए वैश्विक प्रयास:

NASA का डबल एस्टेरॉइड री-डायरेक्शन टेस्ट (DART)

यह मिशन पृथ्वी की रक्षा प्रणाली की ‘गतिज प्रभावक’ (Kinetic Impact) विधि का परीक्षण करने वाला पहला मिशन था। इसमें उन क्षुद्रग्रहों के मार्ग को बदलना शामिल था, जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावना थी। मिशन के तहत क्षुद्रग्रह से एक उच्च गति वाले अंतरिक्ष यान को टकराया गया, ताकि उसका मार्ग बदला जा सके। इस मिशन के लक्ष्य क्षुद्रग्रह डिडिमोस और उसका चंद्रमा डिमोर्फोस थे।

OSIRIS-एपोफिस एक्सप्लोरर (OSIRIS-एपेक्स)

OSIRIS-REx मिशन ने क्षुद्रग्रह बेन्नू के सैंपल्स एकत्र करने के अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था। इसके बाद, नासा ने OSIRIS-REx को अपोफिस का अध्ययन करने के लिए भेजा। इस मिशन का नाम बदलकर OSIRIS-Apex कर दिया गया।

अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह चेतावनी नेटवर्क

इसे 2013 में NEOs के डिटेक्शन, ट्रैकिंग और उनकी विशेषता बताने में शामिल संगठनों का एक अंतर्राष्ट्रीय समूह बनाने के लिए स्थापित किया गया था।

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का NEO समन्वय केंद्र

यह यूरोपीय NEO डेटा स्रोतों और सूचना प्रदाताओं के पूरे नेटवर्क के लिए डेटा प्राप्ति का प्रमुख केंद्र है।

निष्कर्ष:

इसरो द्वारा ‘ग्रह की रक्षा के वैश्विक प्रयास’ में शामिल होने की इच्छा प्रकट करना न केवल भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं में वृद्धि करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस पहल से पृथ्वी की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की अग्रणी भूमिका को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी।

इसरो की योजना एस्टेरॉयड अपोफिस का अध्ययन करने की है, जो 2029 में पृथ्वी से 32,000 किमी की दूरी पर होगा। इस अध्ययन का उद्देश्य संभावित खतरों का पूर्वानुमान लगाना और उनसे निपटने के उपाय तैयार करना है। इसके साथ ही, NASA के DART मिशन और OSIRIS-Apex मिशन जैसी अंतर्राष्ट्रीय पहलें भी ग्रह की रक्षा के प्रयासों को मजबूती प्रदान कर रही हैं।

इन सभी प्रयासों का समन्वय और सहयोग ग्रह की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसरो की इस पहल से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर पृथ्वी की सुरक्षा के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। यह न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवता की सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।

FAQs:

क्षुद्रग्रह अपोफिस क्या है?

क्षुद्रग्रह अपोफिस एक नियर अर्थ ऑब्जेक्ट (Near-Earth Object: NEO) है जिसकी खोज 2004 में की गई थी। इसे पृथ्वी को प्रभावित करने वाले सबसे खतरनाक क्षुद्रग्रहों में से एक माना गया है। हालांकि, वर्तमान में इसे कम से कम एक सदी तक पृथ्वी के लिए खतरा नहीं माना जा रहा है।

ग्रहीय रक्षा (Planetary Defense) क्या है?

ग्रहीय रक्षा उन प्रयासों और रणनीतियों को व्यक्त करती है जो क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं जैसे नियर अर्थ ऑब्जेक्ट्स के संभावित प्रभावों से पृथ्वी की रक्षा करने के उद्देश्य से किए जाते हैं। इसमें डिटेक्शन, ट्रैकिंग, प्रभाव आकलन, और मार्ग बदलने जैसी रणनीतियाँ शामिल हैं।

NASA का DART मिशन क्या है?

NASA का डबल एस्टेरॉइड री-डायरेक्शन टेस्ट (DART) मिशन पृथ्वी की रक्षा प्रणाली की ‘गतिज प्रभावक’ विधि का परीक्षण करने वाला पहला मिशन था। इसमें उन क्षुद्रग्रहों के मार्ग को बदलना शामिल था जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावना थी। इस मिशन के लक्ष्य क्षुद्रग्रह डिडिमोस और उसका चंद्रमा डिमोर्फोस थे।

OSIRIS-एपोफिस एक्सप्लोरर (OSIRIS-Apex) मिशन क्या है?

OSIRIS-REx मिशन ने क्षुद्रग्रह बेन्नू के सैंपल्स एकत्र करने के अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसके बाद, NASA ने OSIRIS-REx को अपोफिस का अध्ययन करने के लिए भेजा और इसका नाम बदलकर OSIRIS-Apex कर दिया गया। इसका उद्देश्य अपोफिस के अध्ययन के माध्यम से ग्रह की रक्षा के उपाय तैयार करना है।

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