UPI Launch in France: A Major Achievement for India; फ्रांस में UPI लॉन्च: भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि:

फ्रांस के प्रसिद्ध एफिल टॉवर से यूनिफाइड पेमेन्ट इंटरफेस (UPI) लॉन्च किए जाने की घोषणा जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा की गई थी। और 2 फरवरी, 2024 को एक नया अध्याय जुड़ गया, जब ऐतिहासिक टॉवर से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को लांच किया गया। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि फ्रांस UPI स्वीकार करने वाला पहला यूरोपीय देश बन गया है।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने फ्रांस में UPI भुगतान प्रणाली की स्वीकृति की घोषणा की। यह घोषणा 2 फरवरी, 2024 को NIPL और फ्रांसीसी कंपनी लाइरा के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने के बाद की गई थी।

लाइरा ई-कॉमर्स और निकट-भुगतान (जैसे QR कोड के माध्यम से भुगतान) को सुरक्षित करने में अग्रणी कंपनी है। यह साझेदारी फ्रांस में UPI भुगतान प्रणाली को लागू करने और उसे बढ़ावा देने में मदद करेगी।

UPI क्या है

UPI (Unified Payments Interface) भारत में एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो मोबाइल फोन के माध्यम से लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। यह 2016 में लॉन्च किया गया था और तब से यह भारत में सबसे लोकप्रिय भुगतान प्रणालियों में से एक बन गया है। इसका सरल इंटरफेस, तत्काल निपटान और न्यूनतम लेनदेन शुल्क इसे भारत में अविश्वसनीय रूप से लोकप्रिय बनाते हैं। UPI लेनदेन संख्या 2023 में 100 बिलियन को भी पार कर गई, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी रीयल-टाइम भुगतान प्रणालियों में से एक बन गई। UPI इंडिया स्टैक की पेमेेंट्स लेयर का एक अभिन्न अंग है।

इंडिया स्टैक:

इंडिया स्टैक ओपन एपीआई (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) और डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का एक समूह है जिसका उद्देश्य पहचान, डेटा और भुगतान जैसे आर्थिक मूलभूत तत्वों को जनसंख्या स्तर पर अनलॉक करना है। यह भारत सरकार की एक पहल है जो विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की डिजिटल सेवाओं को प्रदान करने के लिए एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करती है।

इंडिया स्टैक के प्रमुख घटक:

  • आधार: यह भारत में एक विशिष्ट पहचान संख्या है जो नागरिकों को विभिन्न सरकारी सेवाओं और लाभों तक पहुंच प्रदान करती है। आधार संख्या 12 अंकों का एक अद्वितीय नंबर होता है जो प्रत्येक नागरिक को सौंपा जाता है। यह नागरिकों की पहचान को सत्यापित करने और उन्हें सरकारी योजनाओं और लाभों का लाभ उठाने में मदद करता है।
  • UPI (Unified Payments Interface): यह भारत में एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है जो मोबाइल फोन के माध्यम से लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है। UPI विभिन्न बैंक खातों और भुगतान ऐप्स को एक ही मंच पर जोड़ता है। यह नागरिकों को आसानी से और सुरक्षित रूप से पैसे भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है।
  • आधार सत्यापन सेवा (Aadhaar eKYC): यह एक ऑनलाइन सेवा है जो आधार संख्या का उपयोग करके व्यक्तियों की पहचान को सत्यापित करती है। Aadhaar eKYC नागरिकों को बैंक खातों और अन्य डिजिटल सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करता है। यह पहचान धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करता है।
  • डिजिटल लॉकर: यह एक सुरक्षित ऑनलाइन भंडारण सुविधा है जो नागरिकों को अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को स्टोर करने की अनुमति देती है। डिजिटल लॉकर नागरिकों को अपने दस्तावेजों को सुरक्षित और आसानी से सुलभ रखने में मदद करता है।
  • e-RUPI: यह एक डिजिटल वाउचर है जो नागरिकों को सरकारी योजनाओं और लाभों के तहत लाभ प्राप्त करने की अनुमति देता है। e-RUPI नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही प्रदान करता है।

इंडिया स्टैक के लाभ:

  • वित्तीय समावेश: यह नागरिकों को बैंकिंग और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच प्रदान करता है।
  • डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देना: यह नागरिकों को कैशलेस लेनदेन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • सरकारी सेवाओं तक पहुंच: यह नागरिकों को सरकारी सेवाओं और लाभों तक आसानी से पहुंच प्रदान करता है।
  • नवाचार को बढ़ावा देना: यह डेवलपर्स को नए और अभिनव डिजिटल अनुप्रयोगों को विकसित करने के लिए सक्षम बनाता है।

इंडिया स्टैक के अंतर्राष्ट्रीयकरण का महत्व

1. भारतीय स्टार्ट-अप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए वैश्विक बाज़ार खुलेंगे: ग्लोबल होकर इंडिया स्टैक भारतीय स्टार्ट-अप्स और टेक्नोलॉजी कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में कदम रखने का मौका देगा। वे अपनी डिजिटल सेवाओं और समाधानों को अन्य देशों तक पहुंचा सकेंगे।

2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और मानकीकरण को बढ़ावा: इससे न सिर्फ डिजिटल पेमेंट्स बल्कि डेटा शेयरिंग भी दुनिया भर में सुलभ और आसान हो जाएगा। अलग-अलग देशों के बीच लेनदेन करना बेहद सहज और कुशल हो सकेगा।

3. नवाचार और सहयोग से खुलेंगे नए रास्ते: इंडिया स्टैक के ग्लोबल होने से दुनिया भर के डेवलपर्स और इनोवेटर्स एक साथ मिलकर काम कर सकेंगे। इससे डिजिटल दुनिया में नई राहें खुलेंगी और ऐसे समाधान तैयार होंगे, जिनका फायदा दुनिया भर के लोगों को मिलेगा।

4. ग्लोबल साउथ में भारत की छवि बनेगी मजबूत: डिजिटल डिप्लोमेसी और सॉफ्ट पावर के क्षेत्र में भारत को एक मजबूत पहचान मिलेगी। इससे भारत ग्लोबल साउथ में एक अहम डिजिटल लीडर के रूप में स्थापित होगा।

इंडिया स्टैक के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए किए गए उपाय

1. NIPL (NPCI International Payments Limited): 2020 में स्थापित, यह NPCI की सहायक कंपनी है। इसका उद्देश्य भारत से बाहर RuPay और UPI को चलाना है।

2. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर UPI को अपनाना: सिंगापुर, यूएई जैसे देशों में UPI आधारित भुगतान को स्वीकार किया जा चुका है।

3. समझौता ज्ञापन (MoUs): आर्मेनिया, सिएरा लियोन, सूरीनाम और एंटीगुआ और बारबुडा जैसे देशों के साथ इंडिया स्टैक को साझा करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

4. G-20 पहल: भारत ने G-20 के तहत दो महत्वपूर्ण पहलें शुरू की हैं:

  • ग्लोबल डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर रिपॉजिटरी (Global Digital Public Infrastructure Repository): यह रिपॉजिटरी दुनिया भर में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।
  • ग्लोबल साउथ में DPI के विकास के लिए सोशल इम्पैक्ट फंड (Social Impact Fund for the Development of DPI in Global South): यह फंड ग्लोबल साउथ में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करेगा।

फ्रांस में UPI से क्या उम्मीद करें

फ्रांस में UPI लॉन्च के आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह के व्यापक प्रभाव होने की उम्मीद है।

  • भारतीय पर्यटकों के लिए सहज भुगतान: टिकट बुकिंग से लेकर रेस्तरां बिलों का भुगतान करने तक, भारतीय पर्यटक अब फ्रांस में UPI का उपयोग करके आसानी से लेनदेन कर सकेंगे। इससे विदेशी मुद्रा विनिमय की परेशानी कम होगी और पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
  • व्यापार और निवेश को बढ़ावा: फ्रांस और भारत के बीच व्यापार में आसानी होगी, क्योंकि दोनों देशों के व्यवसाय अब सीमा पार से तत्काल और सुरक्षित भुगतान कर सकेंगे। यह दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को भी बढ़ावा दे सकता है।
  • वैश्विक वित्तीय समावेशीकरण को बढ़ावा: फ्रांस में UPI की सफल कार्यान्वयन अन्य देशों को इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रेरित कर सकती है। इससे वैश्विक स्तर पर वित्तीय समावेशीकरण को बढ़ावा मिलेगा और विकासशील देशों में डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के विकास को गति मिलेगी। भारत के अद्वितीय जनसंख्या और तकनीकी प्रगति को देखते हुए, UPI का वैश्विक स्तर पर अपनाया जाना भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को निर्यात करने और सॉफ्ट पावर का विस्तार करने का एक अवसर है।

चुनौतियाँ और भविष्य

हालाँकि, फ्रांस में UPI की यात्रा अभी शुरुआत ही है। कुछ चुनौतियों पर ध्यान देना ज़रूरी है:

  • अंतर-सांस्कृतिक संवेदनशीलता: फ्रांस के उपभोक्ताओं की आदतों और जरूरतों को समझना और उनका सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
  • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ: यूरोपीय संघ के कड़े डेटा सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करना आवश्यक है।
  • प्रतियोगिता: फ्रांस में पहले से ही स्थापित भुगतान प्रणालियों के साथ प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।

इन चुनौतियों के बावजूद, भारत सरकार और NIPL अपनी पहुंच बढ़ाने और अन्य देशों के साथ साझेदारी करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सिंगापुर, नेपाल, भूटान और संयुक्त अरब अमीरात कुछ ऐसे देश हैं जिन्होंने पहले ही UPI को अपनाया है। भविष्य में, हम दुनिया भर के अधिक देशों में UPI को अपनाते हुए देख सकते हैं।

निष्कर्ष:

फ्रांस में UPI लॉन्च भारत के डिजिटल भुगतान क्रांति का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल भारतीयों के लिए विदेश में आसान भुगतान का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि वैश्विक वित्तीय समावेशीकरण को भी बढ़ावा देता है। यह भारत को डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

हालाँकि चुनौतियाँ बनी रहती हैं, लेकिन UPI की सफलता भारत के स्टार्ट-अप्स और तकनीकी उद्योग को भी प्रेरित करेगी। यह वैश्विक डिजिटल भुगतान परिदृश्य को आकार देने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।

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