अग्निकुल कॉसमॉस, IIT मद्रास का एक स्टार्ट-अप, ने सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन का उपयोग करने वाला विश्व का पहला रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस रॉकेट का नाम अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (SOrTeD) है। यह रॉकेट सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित भारत की पहली रॉकेट लॉन्च फ्लाइट है। इसे 3D प्रिंटिंग या एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग की तकनीक से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।
परीक्षण उड़ान के उद्देश्य:
- इन-हाउस और घरेलू तकनीकों का प्रदर्शन करना: स्वदेशी तकनीकों का उपयोग करके रॉकेट के विभिन्न सिस्टम्स का प्रदर्शन।
- उड़ान से संबंधित डेटा एकत्र करना: उड़ान के दौरान विभिन्न डेटा बिंदुओं का संग्रहण।
- अग्निकुल के ऑर्बिटल प्रक्षेपण यान ‘अग्निबाण’ के लिए सिस्टम की सर्वोच्च कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना: भविष्य के प्रक्षेपणों के लिए सिस्टम की विश्वसनीयता और प्रदर्शन को प्रमाणित करना।
अग्निबाण रॉकेट के बारे में:
- दो-चरणों वाला रॉकेट: अग्निबाण दो चरणों वाला रॉकेट है जो 30 से लेकर 300 किलोग्राम तक के पेलोड को 700 किलोमीटर की ऊँचाई तक ले जाने में सक्षम है।
- उच्च और निम्न कक्षीय झुकाव में सैटेलाइट्स को स्थापित करने में सक्षम: यह रॉकेट विभिन्न प्रकार की कक्षाओं में सैटेलाइट्स को स्थापित कर सकता है।
- लॉन्च पोर्ट: इसे विभिन्न लॉन्च पोर्ट्स से प्रक्षेपित किया जा सकता है, जिससे इसकी बहुमुखी प्रतिभा बढ़ जाती है।
- प्रक्षेपण स्थल: इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में अग्निकुल द्वारा स्थापित लॉन्च पैड ‘धनुष’ से प्रक्षेपित किया गया है। यह भारत में निजी क्षेत्र द्वारा स्थापित पहला लॉन्च पैड है।
- सेमी-क्रायोजेनिक इंजन: यह रॉकेट “अग्निलेट” नामक सेमी-क्रायोजेनिक इंजन (SCE) से संचालित है, जो तरल ऑक्सीजन (LOX) और केरोसिन प्रणोदकों का उपयोग करता है।
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के फायदे:
- ईंधन भंडारण: क्रायोजेनिक इंजनों के विपरीत, सेमी-क्रायोजेनिक इंजनों में तुलनात्मक रूप से उच्च तापमान पर ईंधन भंडारित किया जा सकता है।
- हैंडलिंग और स्टोरेज: सेमी-क्रायोजेनिक इंजनों की हैंडलिंग और स्टोरेज आसान होती है और यह उच्च प्रदर्शन भी प्रदान करते हैं।
- क्रायोजेनिक इंजन अत्यधिक निम्न-तापमान पर ईंधन के रूप में तरल हाइड्रोजन और ऑक्सीडाइजर के रूप में तरल ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं।
- ISRO अपने प्रक्षेपण यान मार्क-3 तथा भविष्य के प्रक्षेपण यानों की पेलोड क्षमता बढ़ाने के लिए सेमी-क्रायोजेनिक प्रणोदन प्रणाली विकसित कर रहा है।
भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए उठाए गए अन्य कदम:
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: सैटेलाइट्स, ग्राउंड सेगमेंट और यूजर्स सेगमेंट के लिए घटकों एवं प्रणालियों/उप-प्रणालियों जैसी अंतरिक्ष क्षेत्रक संबंधित गतिविधियों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है।
- भारत की अंतरिक्ष नीति 2023: भारत की अंतरिक्ष नीति 2023 में कहा गया है कि निजी क्षेत्र अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की संपूर्ण वैल्यू चेन में एक महत्वपूर्ण हितधारक है।
- IN-SPACe: भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) अंतरिक्ष संबंधित गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाता है।
अग्निकुल कॉसमॉस का महत्व:
अग्निकुल कॉसमॉस का यह सफल प्रक्षेपण न केवल भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को मजबूत करता है, बल्कि यह विश्व स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन का उपयोग करते हुए रॉकेट प्रक्षेपण से लागत में कमी आती है और उत्पादन समय भी कम होता है। इस प्रकार की नवीनतम तकनीकों का उपयोग भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को और अधिक सक्षम और प्रतिस्पर्धी बनाता है।
निष्कर्ष:
अग्निकुल कॉसमॉस का सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन के साथ रॉकेट प्रक्षेपण एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर संकेत करता है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत नवीनतम तकनीकों को अपनाने में अग्रणी है। इस सफलता के साथ, भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम और भी मजबूत होगा और यह वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
FAQs:
अग्निकुल कॉसमॉस क्या है?
अग्निकुल कॉसमॉस IIT मद्रास का एक स्टार्टअप है जो सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन का उपयोग करके रॉकेट लॉन्च करने वाला विश्व का पहला संगठन बन गया है।
अग्निबाण रॉकेट की विशेषताएँ क्या हैं?
1. यह रॉकेट सेमी-क्रायोजेनिक इंजन-संचालित है।
2. इसे 3D प्रिंटिंग तकनीक से स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है।
3. यह 30 से लेकर 300 किलोग्राम तक के पेलोड को 700 किलोमीटर की ऊँचाई तक ले जाने में सक्षम है।
4. इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है और इसे 10 से अधिक लॉन्च पोर्ट से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन का क्या महत्व है?
सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन का उपयोग उत्पादन समय और लागत को कम करता है। यह तकनीक रॉकेट निर्माण में नई संभावनाओं को खोलती है और अधिक कुशलता से उच्च प्रदर्शन प्रदान करती है।
सेमी-क्रायोजेनिक इंजन के क्या फायदे हैं?
1. ईंधन भंडारण उच्च तापमान पर संभव होता है।
2. हैंडलिंग और स्टोरेज आसान होती है।
3. उच्च प्रदर्शन प्रदान करता है।
इस परीक्षण उड़ान के उद्देश्य क्या थे?
1. इन-हाउस और घरेलू तकनीकों का प्रदर्शन करना।
2. उड़ान से संबंधित डेटा एकत्र करना।
3. अग्निकुल के ऑर्बिटल प्रक्षेपण यान ‘अग्निबाण’ के लिए सिस्टम की सर्वोच्च कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना।