Alert Issued for Rare Cyclone ‘Asna’ on Gujarat’s Kutch Coast; गुजरात के कच्छ तट पर दुर्लभ चक्रवात ‘असना’ के लिए अलर्ट जारी:

गुजरात के कच्छ तट पर एक दुर्लभ चक्रवात ‘असना’ के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अलर्ट जारी किया है। आमतौर पर, चक्रवात समुद्र के गर्म पानी के ऊपर उत्पन्न होते हैं, लेकिन ‘असना’ ने अपनी अनोखी उत्पत्ति के कारण सबका ध्यान आकर्षित किया है। यह चक्रवात भूमि पर “गहन अवदाब(Deep depression)” के रूप में उत्पन्न हुआ और अब अरब सागर में प्रवेश कर एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात का रूप लेने की संभावना है। इस लेख में, हम ‘असना’ चक्रवात की उत्पत्ति, इसके संभावित प्रभाव और चक्रवातों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से समझेंगे।

‘असना’ चक्रवात की उत्पत्ति:

चक्रवात ‘असना’ गुजरात के कच्छ तट पर भूमि पर “गहन अवदाब(Deep depression)” के रूप में विकसित हुआ। यह चक्रवात अब अरब सागर में प्रवेश कर रहा है, जहां इसके उष्णकटिबंधीय चक्रवात में बदलने की संभावना है। यह घटना अत्यंत दुर्लभ है, क्योंकि चक्रवात सामान्यतः समुद्र की सतह पर ही उत्पन्न होते हैं। IMD के अनुसार, अगस्त महीने में भारत की मुख्य भूमि पर चक्रवातों के उत्पन्न होने की घटनाएं बहुत ही कम हुई हैं। इससे पहले, 1976, 1964, और 1944 में ऐसे चक्रवात दर्ज किए गए थे।

गहन अवदाब और चक्रवात का अंतर:

गहन अवदाब एक प्रकार की चक्रवाती प्रणाली है। गहन अवदाब और उष्णकटिबंधीय चक्रवात के बीच अंतर हवा की गति और तीव्रता में होता है। गहन अवदाब में हवा की गति 51-62 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि उष्णकटिबंधीय चक्रवात में यह गति 62-88 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच होती है। जब गहन अवदाब समुद्र में प्रवेश करता है, तो यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात का रूप ले सकता है, जो और भी अधिक तीव्र हो सकता है।

असना चक्रवात के संभावित कारण:

‘असना’ चक्रवात की उत्पत्ति के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जो इसे एक विशेष स्थिति बनाते हैं:

  1. असामान्य मानसूनी हवाएं: मानसूनी हवाओं में हुए बदलाव ने इस चक्रवात के गठन में भूमिका निभाई हो सकती है।
  2. अरब सागर से आर्द्रता: कच्छ तट पर अरब सागर से आई नमी ने इस गहन अवदाब को चक्रवात में बदलने में मदद की हो सकती है।
  3. भूमि पर नमी: कच्छ क्षेत्र में मृदा में उच्च नमी स्तर ने चक्रवात की उत्पत्ति को संभव बनाया।
  4. हिंद महासागर का गर्म होना: जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारण हिंद महासागर का गर्म होना भी इस चक्रवात के निर्माण का एक कारण हो सकता है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात:

उष्णकटिबंधीय चक्रवात तेज़ी से घूमने वाले तूफान होते हैं, जो उष्णकटिबंधीय महासागरों के गर्म पानी पर बनते हैं। यह तूफान अत्यधिक आक्रामक और विध्वंसकारी होते हैं। विश्व के विभिन्न हिस्सों में इन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे चीन सागर और प्रशांत महासागर में टाइफून, कैरेबियन सागर और अटलांटिक महासागर में हरिकेन, पश्चिमी अफ्रीका और दक्षिणी अमेरिका में टोरनेडो और ऑस्ट्रेलिया में विली-विली।

भारत में, उष्णकटिबंधीय चक्रवात आमतौर पर मई-जून और अक्टूबर-नवंबर के महीनों में बनते हैं। अरब सागर की तुलना में बंगाल की खाड़ी में अधिक चक्रवात उत्पन्न होते हैं। बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बनने वाले चक्रवातों का अनुपात लगभग 4:1 है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन के संकट और अरब सागर के गर्म होने के कारण भारत के पश्चिमी तट पर भी चक्रवातों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ:

  • गर्म समुद्री सतह: ऐसे क्षेत्र जहां समुद्री सतह का तापमान 27°C से अधिक हो।
  • कोरिओलिस बल का प्रभाव: कोरिओलिस बल की उपस्थिति चक्रवात के बनने में सहायक होती है। इस बल की अनुपस्थिति के कारण भूमध्य रेखा के निकट उष्णकटिबंधीय चक्रवात नहीं बनते।
  • पवन की ऊर्ध्वाधर गति में बदलाव: पवन की ऊर्ध्वाधर गति में लगातार हो रहे छोटे बदलाव भी चक्रवात के विकास में योगदान करते हैं।
  • मौजूद कमज़ोर निम्न दबाव वाला क्षेत्र: चक्रवात के बनने के लिए पहले से मौजूद निम्न दाब वाला क्षेत्र भी आवश्यक होता है।

निष्कर्ष:

‘असना’ चक्रवात एक दुर्लभ और अप्रत्याशित घटना है, जो भूमि पर उत्पन्न होकर अब समुद्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवात का रूप ले सकता है। इस चक्रवात के कारण गुजरात के कच्छ तट पर अलर्ट जारी किया गया है, और संभावित खतरों को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है। जलवायु परिवर्तन और महासागरों के गर्म होने के कारण इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि हो सकती है, इसलिए इनके प्रति सजग रहना आवश्यक है। भारतीय मौसम विभाग और संबंधित एजेंसियां लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं और लोगों को आवश्यक जानकारी और सुरक्षा उपायों के बारे में सतर्क कर रही हैं।

FAQs:

‘असना’ चक्रवात क्या है और यह कहाँ उत्पन्न हुआ?

‘असना’ चक्रवात एक दुर्लभ चक्रवात है जो गुजरात के कच्छ तट पर भूमि पर “गहन अवदाब” के रूप में उत्पन्न हुआ है। यह चक्रवात अब अरब सागर में प्रवेश कर एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात का रूप ले सकता है।

असना चक्रवात की उत्पत्ति कैसे हुई?

‘असना’ चक्रवात की उत्पत्ति भूमि पर हुई, जो सामान्यत: समुद्र के गर्म पानी पर चक्रवात बनने की प्रक्रिया से अलग है। असामान्य मानसूनी हवाएं, अरब सागर से आर्द्रता, और भू-भाग पर नमी इस चक्रवात के निर्माण के संभावित कारण हैं।

गहन अवदाब और उष्णकटिबंधीय चक्रवात में क्या अंतर होता है?

गहन अवदाब और उष्णकटिबंधीय चक्रवात के बीच मुख्य अंतर हवा की गति में होता है। गहन अवदाब में हवा की गति 51-62 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि उष्णकटिबंधीय चक्रवात में यह गति 62-88 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है।

भारत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात कब और कहाँ उत्पन्न होते हैं?

भारत में उष्णकटिबंधीय चक्रवात आमतौर पर मई-जून और अक्टूबर-नवंबर के महीनों में बनते हैं। ये चक्रवात मुख्य रूप से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उत्पन्न होते हैं, हालांकि जलवायु परिवर्तन के संकट और अरब सागर के गर्म होने के कारण भारत के पश्चिमी तट पर भी चक्रवातों की संख्या में वृद्धि हो रही है।

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