Bridge Recombination Mechanism: Scientists Discover Natural DNA Editing Tool; ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म: वैज्ञानिकों ने खोजा प्राकृतिक DNA एडिटिंग टूल

वैज्ञानिकों ने हाल ही में “ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म” (BRM) नामक एक प्राकृतिक DNA एडिटिंग टूल की खोज की है। यह खोज जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखी जा रही है। BRM गतिमान जेनेटिक तत्वों (Mobile Genetic Elements) या “जंपिंग जीन” पर आधारित होती है। ये जंपिंग जीन DNA के एक हिस्से से खुद को अलग करके दूसरे हिस्से में जुड़ सकते हैं, जिससे जीव के DNA अनुक्रम में बदलाव हो सकता है। ये जीन सभी प्रकार के जीवधारियों में मौजूद होते हैं और DNA अनुक्रम में परिवर्तन लाने में सक्षम होते हैं।

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म का कार्य सिद्धांत:

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म जंपिंग जीन के सिरों पर मौजूद DNA के अतिरिक्त खंडों पर आधारित होती है। ये अतिरिक्त खंड रीकॉम्बिनेज प्रक्रिया के दौरान एक साथ जुड़ सकते हैं, जिससे DNA की संरचना में बदलाव हो सकता है। यह परिवर्तन अंततः डबल हेलिक्स वाले DNA को सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA मोलेक्युल्स में परिवर्तित कर देता है। ये ब्रिज RNA मोलेक्युल्स स्वयं को DNA खंड में अपने मूल स्थान (डोनर) और किसी नए स्थान (टारगेट) दोनों से जोड़ सकते हैं, जिससे DNA में अपेक्षित बदलाव किए जा सकते हैं।

इस प्रक्रिया में डोनर और टारगेट लूप को अलग-अलग प्रोग्राम किया जा सकता है, जिससे DNA में नए अनुक्रमों को जोड़ने या रिकम्बाइन करने में आसानी होती है। यह तकनीक शोधकर्ताओं को बहुत लंबे DNA अनुक्रमों पर जीन को पुनर्व्यवस्थित, रिकंबाइन, इन्वर्ट और स्थानांतरित करके अलग-अलग जीन एडिटिंग करने में सक्षम बनाती है।

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म का महत्व:

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह शोधकर्ताओं को बीमारियों से लड़ने के लिए अधिक सटीक जीन एडिटिंग चिकित्सा और उपचारों का विकास करने में सक्षम बनाता है। इसके माध्यम से लंबे DNA अनुक्रमों पर जीन को पुनर्व्यवस्थित, रिकंबाइन, इन्वर्ट और स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे जीन एडिटिंग प्रक्रिया और भी प्रभावी और सटीक हो जाती है।

जंपिंग जीन की भूमिका:

जंपिंग जीन, जिन्हें ट्रांसपोज़ेबल एलिमेंट्स भी कहा जाता है, DNA के खंड होते हैं जो अपने स्थान को बदल सकते हैं। इनमें रीकॉम्बिनेज एंजाइम के साथ-साथ जीन के सिरों पर DNA के अतिरिक्त खंड होते हैं, जिससे ये जीन DNA अनुक्रम में बदलाव ला सकते हैं। जंपिंग जीन का यह गुण उन्हें ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म का आधार बनाता है।

जीन एडिटिंग के अन्य प्रौद्योगिकियां:

CRISPR-Cas9

CRISPR-Cas9 एक लोकप्रिय जीन एडिटिंग तकनीक है जिसमें वैज्ञानिक DNA स्ट्रैंड में सटीक स्थान से DNA के छोटे खंड को काट सकते हैं और नए खंड को जोड़ सकते हैं। यह तकनीक जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जाती है और इसका उपयोग विभिन्न जीन संबंधी बीमारियों के उपचार में किया जा रहा है।

TALE न्यूक्लिऐसिस (TALEN)

ट्रांस्क्रिप्शन एक्टीवेटर-लाइक इफ़ेक्ट र न्यूक्लिऐसिस यानी TALEN एक प्रकार के इंजीनियर्ड न्यूक्लिऐसिस हैं। इनका उपयोग जीवित कोशिकाओं में सटीक और प्रभावी जीनोम एडिटिंग के लिए किया जा सकता है। यह तकनीक भी जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जाती है।

जिंक-फिंगर न्यूक्लिऐसिस

जिंक-फिंगर न्यूक्लिऐसिस के तहत जीनोम में एक निर्धारित DNA अनुक्रम को काट के हटाया जाता है। इससे कोशिकीय मरम्मत प्रक्रियाएं सक्रिय हो जाती हैं। मरम्मत प्रक्रिया के दौरान, कोशिका को DNA अनुक्रम के कटे हुए स्थान पर निर्धारित बदलाव करने के लिए निर्देशित किया जा सकता है।

RNA इंटरफ्रेंस (RNAI)

RNA इंटरफ्रेंस (RNAI) एक तकनीक है जिसमें जीन एक्सप्रेशन को अवरुद्ध या सक्रिय करने के लिए RNA अणुओं को लक्षित किया जाता है। यह तकनीक जीन एडिटिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाती है और इसका उपयोग विभिन्न जीन संबंधी बीमारियों के उपचार में किया जा रहा है।

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म के अनुप्रयोग:

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म का उपयोग जीन एडिटिंग के कई क्षेत्रों में किया जा सकता है। इसके माध्यम से शोधकर्ता बीमारियों के उपचार के लिए अधिक सटीक और प्रभावी चिकित्सा विधियों का विकास कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इसे कृषि विज्ञान में भी उपयोग किया जा सकता है, जहां पादपों की विशेषताओं में सुधार के लिए जीन एडिटिंग की जाती है।

निष्कर्ष:

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म (BRM) की खोज जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह तकनीक जीन एडिटिंग को अधिक सटीक, प्रभावी और सुरक्षित बनाने में मदद करती है। इसके माध्यम से बीमारियों के उपचार के लिए नए और प्रभावी तरीकों का विकास किया जा सकता है। अन्य जीन-एडिटिंग प्रौद्योगिकियों के साथ मिलकर, BRM जीनोम एडिटिंग के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान कर सकता है। वैज्ञानिकों की इस खोज से भविष्य में जीनोम एडिटिंग के नए और उन्नत तरीकों का विकास संभव हो सकेगा।

FAQs:

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म क्या है?

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म (BRM) एक प्राकृतिक DNA एडिटिंग टूल है जो गतिमान जेनेटिक तत्वों (Mobile Genetic Elements) या “जंपिंग जीन” पर आधारित है। ये जीन DNA के एक हिस्से से खुद को अलग करके दूसरे हिस्से में जुड़ सकते हैं, जिससे DNA अनुक्रम में बदलाव हो सकता है।

जंपिंग जीन क्या होते हैं?

जंपिंग जीन, जिन्हें ट्रांसपोज़ेबल एलिमेंट्स भी कहा जाता है, DNA के खंड होते हैं जो अपने स्थान को बदल सकते हैं। इनमें रीकॉम्बिनेज एंजाइम के साथ-साथ जीन के सिरों पर DNA के अतिरिक्त खंड होते हैं, जिससे ये जीन DNA अनुक्रम में बदलाव ला सकते हैं।

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म का महत्व क्या है?

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म जीन एडिटिंग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। यह शोधकर्ताओं को बहुत लंबे DNA अनुक्रमों पर जीन को पुनर्व्यवस्थित, रिकंबाइन, इन्वर्ट और स्थानांतरित करके अलग-अलग जीन एडिटिंग करने में सक्षम बनाता है। इसके माध्यम से बीमारियों से लड़ने के लिए अधिक सटीक जीन एडिटिंग चिकित्सा और उपचारों का विकास किया जा सकता है।

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म कैसे काम करता है?

ब्रिज रीकॉम्बिनेज मैकेनिज्म जंपिंग जीन के सिरों पर मौजूद DNA के अतिरिक्त खंडों पर आधारित होती है। ये खंड रीकॉम्बिनेज प्रक्रिया के दौरान एक साथ जुड़ सकते हैं, जिससे DNA की संरचना में बदलाव हो सकता है। यह परिवर्तन अंततः डबल हेलिक्स वाले DNA को सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA मोलेक्युल्स में परिवर्तित कर देता है, जो अपने मूल स्थान और नए स्थान दोनों से जुड़ सकते हैं।

अन्य जीन एडिटिंग तकनीकें कौन सी हैं?

अन्य प्रमुख जीन एडिटिंग तकनीकें हैं:
1. CRISPR-Cas9: इसमें वैज्ञानिक DNA स्ट्रैंड में सटीक स्थान से DNA के छोटे खंड को काट सकते हैं और नए खंड को जोड़ सकते हैं।
2. TALE न्यूक्लिऐसिस (TALEN): यह तकनीक जीवित कोशिकाओं में सटीक और प्रभावी जीनोम एडिटिंग के लिए उपयोग की जाती है।
3. जिंक-फिंगर न्यूक्लिऐसिस: इसमें जीनोम में एक निर्धारित DNA अनुक्रम को काट कर हटाया जाता है और कोशिका को DNA अनुक्रम के कटे हुए स्थान पर बदलाव करने के लिए निर्देशित किया जाता है।
4. RNA इंटरफ्रेंस (RNAI): इसमें जीन एक्सप्रेशन को अवरुद्ध या सक्रिय करने के लिए RNA अणुओं को लक्षित किया जाता है।

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