First Active Hydrothermal Vent in Indian Ocean – A Significant Achievement for Indian Oceanographers; हिंद महासागर में पहली बार सक्रिय हाइड्रोथर्मल वेंट की तस्वीर – भारतीय समुद्र विज्ञानियों की बड़ी सफलता

भारतीय समुद्र विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। पहली बार भारतीय वैज्ञानिकों ने हिंद महासागर की गहराई में स्थित एक सक्रिय हाइड्रोथर्मल वेंट (Hydrothermal Vent) का चित्रण (इमेज कैप्चर) किया है। यह खोज भारत के महासागर विज्ञान और गहरे समुद्र में संसाधन खोजने के प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह उपलब्धि समुद्री अनुसंधान को नई दिशा देने के साथ-साथ भारत के डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission) के लक्ष्यों को भी मजबूत करती है।

खोज का परिचय और महत्व:

यह महत्वपूर्ण खोज हाइड्रोथर्मल एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के तहत की गई है, जिसे राष्ट्रीय ध्रुवीय और समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) तथा राष्ट्रीय समुद्री प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया था। यह हाइड्रोथर्मल वेंट हिंद महासागर की सतह से लगभग 4500 मीटर की गहराई में स्थित है। इस खोज से भारतीय महासागर विज्ञानियों को समुद्र के नीचे की गतिविधियों को समझने और गहरे समुद्र में खनिज संसाधनों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।

यह खोज भारत के महत्वाकांक्षी डीप ओशन मिशन (Deep Ocean Mission) के तहत खनिज अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जिसका उद्देश्य समुद्र तल के नीचे संसाधनों की खोज करना और खनिज अन्वेषण करना है। यह मिशन समुद्री जैव विविधता, खनिजों और ऊर्जा संसाधनों की खोज के साथ-साथ समुद्र से जुड़ी नई तकनीकों के विकास पर केंद्रित है।

हाइड्रोथर्मल वेंट्स क्या हैं?

हाइड्रोथर्मल वेंट्स समुद्र तल के भीतर स्थित ऐसे स्रोत होते हैं, जहां पृथ्वी के अंदरूनी भाग से गर्म पानी और खनिजों का उत्सर्जन होता है। ये वेंट्स तब बनते हैं जब समुद्र का ठंडा पानी समुद्री तल पर मौजूद दरारों और छिद्रों से होकर पृथ्वी के मैग्मा (लावा) के संपर्क में आता है और गर्म होकर खनिजों के साथ बाहर निकलता है।

हाइड्रोथर्मल वेंट्स की प्रक्रिया:

  1. समुद्र तल पर दरारों और छिद्रों से ठंडा पानी रिसता है।
  2. यह पानी पृथ्वी के आंतरिक भाग में मौजूद मैग्मा के संपर्क में आकर अत्यधिक गर्म हो जाता है।
  3. गर्म पानी समुद्री चट्टानों से खनिजों को घोलकर बाहर निकलता है, जिससे एक प्रकार का धुआं जैसा हाइड्रोथर्मल प्लूम (Plume) बनता है।
  4. यह धुआं Trace Metals, गैसों और खनिजों से भरपूर होता है।

विश्व में हाइड्रोथर्मल वेंट्स की उपस्थिति:

हाइड्रोथर्मल वेंट्स दुनिया भर में मुख्य रूप से मध्य-महासागरीय कटक (Mid-Ocean Ridge) प्रणाली में पाए जाते हैं। ये क्षेत्र पृथ्वी के सबसे सक्रिय भूगर्भीय क्षेत्रों में से एक हैं और जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण स्थान हैं।

  • हाइड्रोथर्मल वेंट्स के आसपास का वातावरण सूक्ष्मजीवों और समुद्री जीवों के लिए आश्रय स्थल होता है।
  • ये पारिस्थितिकी तंत्र महासागरीय खाद्य जाल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।

डीप ओशन मिशन – भारत का महासागरीय अन्वेषण कार्यक्रम

डीप ओशन मिशन 2021 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था और इसे 5 वर्षों के लिए 4077 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृत किया गया है।

मिशन के प्रमुख घटक:

  1. गहरे समुद्र में खनन और मानवयुक्त पनडुब्बी के लिए तकनीक विकसित करना।
  2. महासागरीय जलवायु परिवर्तन से जुड़ी सलाहकार सेवाएं विकसित करना।
  3. गहरे समुद्र की जैव विविधता की खोज और संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार करना।
  4. महासागर ऊर्जा और पेय जल उत्पादन की तकनीकों का विकास करना।
  5. महासागर जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन स्थापित करना।
  6. गहरे महासागर का सर्वेक्षण और अन्वेषण करना

हाइड्रोथर्मल वेंट्स का वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व:

  1. खनिज संसाधनों का स्रोत: हाइड्रोथर्मल वेंट्स से निकलने वाला पानी तांबा, जस्ता, लोहा और अन्य बहुमूल्य धातुओं से भरपूर होता है।
  2. पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण: ये वेंट्स समुद्री जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं और अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं।
  3. वैज्ञानिक अनुसंधान: हाइड्रोथर्मल वेंट्स पृथ्वी के भूगर्भीय गतिविधियों और जीवन की उत्पत्ति के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  4. ऊष्मा और रसायनों का वितरण: ये वेंट्स पृथ्वी के आंतरिक भाग से ऊष्मा और रसायनों का समुद्र में वितरण करते हैं।

निष्कर्ष:

भारतीय वैज्ञानिकों की यह खोज महासागर विज्ञान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण है। यह खोज न केवल समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के डीप ओशन मिशन के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में सहायक होगी। हाइड्रोथर्मल वेंट्स की खोज और अध्ययन से महासागर के रहस्यों को उजागर करने में सहायता मिलेगी, जिससे महासागरीय पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा।

FAQs:

हाइड्रोथर्मल वेंट क्या होता है?

हाइड्रोथर्मल वेंट समुद्र के निचले हिस्से में मौजूद ऐसे स्थान होते हैं जहां समुद्र का ठंडा पानी मैग्मा के संपर्क में आकर गर्म होता है और खनिजों के साथ वापस समुद्र में निकलता है।

हाइड्रोथर्मल वेंट्स क्यों महत्वपूर्ण हैं?

हाइड्रोथर्मल वेंट्स पारिस्थितिकी तंत्र और सूक्ष्मजीवों को आश्रय प्रदान करते हैं। ये समुद्री जीवन के लिए आवश्यक होते हैं और खनिजों के महत्वपूर्ण स्रोत भी हो सकते हैं।

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