Gulf Region: An Integral Part of India’s Extended Neighborhood; खाड़ी क्षेत्र: भारत के विस्तारित पड़ोस का अभिन्न अंग

इटालियन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिकल स्टडीज द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि खाड़ी क्षेत्र भारत के विस्तारित पड़ोस का अभिन्न अंग बन गया है। यह रिपोर्ट भारत के विस्तारित पड़ोस के रूप में खाड़ी क्षेत्र की महत्ता का विश्लेषण करती है। विस्तारित पड़ोस या एक्सटेंडेड नेबरहुड को वास्तव में भौगोलिक नज़रिए से परिभाषित किया जाता है। भारत के विस्तारित पड़ोस में हिंद महासागर क्षेत्र, पूर्वी अफ्रीका, खाड़ी क्षेत्र, मध्य एशियाई क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व एशिया के देश शामिल हैं।

‘भारत-खाड़ी क्षेत्र’ संबंध का रणनीतिक पहलू:

आर्थिक महत्त्व

क्षेत्रीय समूहों के मामले में खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। भारत ने 2022-23 में अपने कुल क्रूड आयल की मांग का 55.3% खाड़ी क्षेत्र से आयात किया। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए खाड़ी क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है। खाड़ी देशों के साथ व्यापारिक संबंध भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्षेत्रीय भू-आर्थिक और कनेक्टिविटी पर जोर

भारत और खाड़ी देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई फोरम और पहलें शुरू की गई हैं। जैैसेे:

  • I2U2 पहल: भारत, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस पहल को शुरू किया है, जिसका उद्देश्य चारों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक सहयोग को बढ़ाना है।

IMEC: भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) में खाड़ी देशों की सक्रिय भागीदारी है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत और यूरोप के बीच व्यापार और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है, जिसमें खाड़ी देश महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और खाड़ी देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण सहयोग है। समुद्री डाकुओं से लेकर सबमरीन केबल्स की सुरक्षा तक, दोनों पक्ष मिलकर काम कर रहे हैं। यह सहयोग न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है, बल्कि वैश्विक समुद्री मार्गों की सुरक्षा को भी मजबूत करता है।

भारतीय प्रवासियों का कल्याण

खाड़ी क्षेत्र और उसके आस-पास के देशों में 80 लाख से अधिक भारतीय या भारतीय मूल के लोग काम कर रहे हैं। इन प्रवासियों का कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत और खाड़ी देशों के बीच मजबूत संबंध आवश्यक हैं। यह प्रवासी भारतीय न केवल अपने परिवारों के लिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

‘भारत-खाड़ी क्षेत्र’ संबंध में मुख्य चुनौतियां:

भारत और खाड़ी देशों के बीच मजबूत संबंधों के बावजूद कुछ चुनौतियां भी हैं, जिनका समाधान करना आवश्यक है:

  • हमास-इजराइल युद्ध: इस मुद्दे पर भारत और कई खाड़ी देशों के पक्ष एक जैसे नहीं हैं, जिससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
  • लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमले: हूती विद्रोहियों द्वारा भारतीय जहाजों पर हमले से भारत और खाड़ी क्षेत्र के बीच संबंध प्रभावित हुए हैं।
  • चीन का प्रभाव: खाड़ी देशों के साथ चीन की बढ़ती भागीदारी भारत के लिए चिंता का विषय है। चीन की रणनीतिक और आर्थिक उपस्थिति खाड़ी क्षेत्र में बढ़ती जा रही है, जिससे भारत को अपनी नीति में संतुलन बनाए रखना होगा।

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के बारे में:

स्थापना और उद्देश्य

1981 में स्थापित, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है जिसमें खाड़ी क्षेत्र के 6 देश शामिल हैं: संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सभी क्षेत्रों में समन्वय, एकीकरण और सहयोगात्मक संबंधों को बढ़ावा देना है।

संरचना

  • सुप्रीम काउंसिल: यह संगठन का सर्वोच्च निकाय है। इसमें सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष शामिल होते हैं।
  • मंत्रिस्तरीय परिषद (Ministerial Council): इसमें सदस्य देशों के विदेश मंत्री शामिल होते हैं।

निष्कर्ष:

खाड़ी क्षेत्र भारत के विस्तारित पड़ोस का एक अभिन्न हिस्सा है। भारत और खाड़ी देशों के बीच आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों का गहरा प्रभाव है। ऊर्जा सुरक्षा से लेकर रक्षा और प्रवासी भारतीयों के कल्याण तक, खाड़ी क्षेत्र की भूमिका भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, कुछ चुनौतियों का सामना करते हुए, भारत को खाड़ी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करना होगा ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।

FAQs:

भारत और खाड़ी देशों के बीच कौन-कौन से रक्षा और सुरक्षा सहयोग हैं?

भारत और खाड़ी देशों के बीच समुद्री डाकुओं से निपटने, सबमरीन केबल्स की सुरक्षा और सामरिक रक्षा सहयोग शामिल हैं। दोनों पक्ष मिलकर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करते हैं।

खाड़ी देशों में कितने भारतीय प्रवासी काम करते हैं?

खाड़ी क्षेत्र और उसके आस-पास के देशों में 80 लाख से अधिक भारतीय या भारतीय मूल के लोग काम कर रहे हैं। ये प्रवासी भारतीय न केवल अपने परिवारों के लिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

भारत-खाड़ी क्षेत्र संबंधों में प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं?

भारत-खाड़ी क्षेत्र संबंधों में प्रमुख चुनौतियाँ हमास-इजराइल युद्ध पर भिन्न दृष्टिकोण, हूती विद्रोहियों द्वारा भारतीय जहाजों पर हमले, और खाड़ी देशों के साथ चीन की बढ़ती भागीदारी हैं।

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) क्या है?

खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 1981 में हुई थी। इसमें खाड़ी क्षेत्र के 6 देश (संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत) शामिल हैं। इसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच समन्वय, एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देना है।

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