ब्रह्मांड के मूलभूत निर्माण खंडों और उनको नियंत्रित करने वाले बलों को समझने की खोज वैज्ञानिकों के लिए सदियों से एक आकर्षक यात्रा रही है। इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर “हिग्स बोसॉन” की खोज है – जिसे प्रायः “ईश्वरीय कण” (God Particle) के रूप में भी जाना जाता है। हिग्स बोसॉन की सैद्धांतिक भविष्यवाणी ने न केवल भौतिक विज्ञान में एक क्रांति ला दी, बल्कि ब्रह्मांड के काम करने के तरीके के बारे में हमारी समझ को गहरा कर दिया।
पीटर हिग्स और नोबेल पुरस्कार:
साल 1964 में, पीटर डब्ल्यू. हिग्स नामक एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी ने एक महत्वपूर्ण शोध-पत्र प्रकाशित किया। इस पत्र में, उन्होंने एक ऐसे कण के अस्तित्व की भविष्यवाणी की, जो अब हिग्स बोसॉन के नाम से जाना जाता है। लगभग पांच दशकों के बाद, 2012 में, स्विट्जरलैंड के विशाल कण त्वरक ‘लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर’ (LHC) में हिग्स बोसॉन की खोज ने डॉ. हिग्स के सिद्धांत को प्रायोगिक रूप से साबित कर दिया।
इस क्रांतिकारी खोज के लिए, पीटर हिग्स (और फ्रेंकोइस एंगलर्ट, जिन्होंने स्वतंत्र रूप से इसी तरह का एक सिद्धांत विकसित किया था), को 2013 में भौतिकी का प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया।
हिग्स बोसॉन क्या है?
सरल शब्दों में, हिग्स बोसॉन एक मूलभूत कण (fundamental particle) है। मूलभूत कण प्रकृति के सबसे छोटे, अविभाज्य निर्माण खंड (building blocks) हैं। वे किसी भी चीज़ से छोटे नहीं होते हैं और इन्हें और छोटे भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। ब्रह्मांड के सभी तारे, ग्रह, और यहां तक कि हम भी मूल कणों से बने हैं!
हिग्स बोसॉन इस मायने में विशेष है कि यह ‘हिग्स फील्ड’ नामक एक अदृश्य क्षेत्र से जुड़ा है जो पूरे ब्रह्मांड में व्याप्त है। अन्य मौलिक कण जब इस हिग्स फील्ड से होकर गुजरते हैं, तो इस क्षेत्र के साथ उनकी अंतःक्रिया (interaction) के कारण उन्हें द्रव्यमान (mass) प्राप्त होता है।
द्रव्यमान को समझना:
द्रव्यमान किसी भी वस्तु का एक मूलभूत गुण है। यह पदार्थ की वह मात्रा है जो उसमें निहित होती है। द्रव्यमान जितना अधिक होता है, वस्तु द्वारा गुरुत्वाकर्षण बल के प्रतिरोध का स्तर उतना ही अधिक होता है। उदाहरण के लिए, एक चट्टान का द्रव्यमान एक पंख की तुलना में बहुत अधिक होता है। यही कारण है कि हम एक चट्टान को गिराए जाने पर आसानी से नहीं रोक सकते।
हिग्स फील्ड: ब्रह्मांड का द्रव्यमान-दाता
इसे ऐसे समझें: यदि ब्रह्मांड एक विशाल महासागर है, तो हिग्स फील्ड इस सागर में व्याप्त पानी है। जैसे मछलियां पानी में तैरती हैं, वैसे ही मूलभूत कण हिग्स फील्ड के सागर में गोते लगाते हैं। लेकिन, पानी के सागर के विपरीत, हिग्स फील्ड मूलभूत कणों से चिपक जाता है और उन्हें खींचता है। यह खिंचाव या प्रतिरोध किसी कण को अपना द्रव्यमान देता है।
जितना अधिक कोई कण हिग्स फील्ड के साथ अंतःक्रिया करता है, उसका द्रव्यमान उतना ही अधिक होता है। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन हिग्स फील्ड के साथ अंतःक्रिया करते हैं और इसलिए उनका द्रव्यमान होता है। फोटॉन, जो प्रकाश के कण होते हैं, इस फील्ड के साथ बिल्कुल भी अंतःक्रिया नहीं करते और इसलिए उनका कोई द्रव्यमान नहीं होता।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि हिग्स बोसॉन स्वयं हिग्स फील्ड के साथ भी अंतःक्रिया करता है, यही वजह है कि इसका अपना भी एक द्रव्यमान होता है।
हिग्स बोसॉन की खोज का महत्व:
हिग्स बोसॉन की खोज न केवल मूल कणों की हमारी समझ के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमें इस बारे में बेहतर जानकारी प्रदान करती है कि ब्रह्मांड कैसे काम करता है। ब्रह्मांड में हम जो पदार्थ (matter) देखते हैं, वह मूल कणों से बना है। बिना हिग्स बोसॉन और हिग्स फील्ड के, ये कण बिना द्रव्यमान के होते और प्रकाश की गति से ब्रह्मांड में घूमते रहते।
परमाणु नहीं बन पाते, तारे और ग्रह नहीं होते, और निश्चित तौर पर जीवन का कोई अस्तित्व नहीं होता। हिग्स बोसॉन की अवधारणा इस बात का स्पष्टीकरण है कि कैसे मूल कणों ने द्रव्यमान प्राप्त किया और ब्रह्मांड का सारा पदार्थ अस्तित्व में आया।
अन्य मूलभूत कण:
ब्रह्मांड में मौजूद मूलभूत कणों को व्यापक रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- फर्मिऑन: फर्मिऑन वह कण हैं जो पदार्थ का निर्माण करते हैं। वे आगे क्वार्क और लेप्टॉन में विभाजित हैं। क्वार्क प्रोटॉन और न्यूट्रॉन बनाते हैं, जबकि लेप्टॉन में इलेक्ट्रॉन जैसे कण शामिल होते हैं।
- बोसॉन: बोसॉन मूलभूत बल के वाहक हैं जो कणों के बीच अंतःक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं। इनमें ग्लुऑन (मजबूत परमाणु बल), फोटॉन (विद्युत चुम्बकीय बल), और W और Z बोसॉन (कमजोर परमाणु बल) शामिल हैं।
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) की भूमिका:
लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर, या LHC, एक विशाल परमाणु कोलाइडर है जो CERN में स्थित है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली कण त्वरक (particle accelerator) है। एलएचसी एक भूमिगत सुरंग में स्थित है जिसमें दो उच्च-ऊर्जा कण बीम एक-दूसरे की ओर बढ़ते हैं और टकराव बिंदुओं पर नियंत्रित टकरावों से गुजरते हैं। इन टक्करों में ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा निकलती है, जिससे नए कणों का निर्माण होता है – जिसमें मायावी हिग्स बोसॉन भी शामिल है।
निष्कर्ष:
हिग्स बोसॉन की खोज भौतिकी में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसने न केवल हमारे मूलभूत कणों की समझ को गहरा किया है, बल्कि ब्रह्मांड में पदार्थ, बलों और हमारी अपनी जगह के बीच जटिल संबंधों पर प्रकाश डाला है। हिग्स क्षेत्र और बड़े हैड्रॉन कोलाइडर में निरंतर अनुसंधान ब्रह्मांड के सबसे गूढ़ रहस्यों को सुलझाने की हमारी तलाश को आगे बढ़ाता रहेगा।