संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा 21 मार्च 2024 को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। “सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद AI प्रणाली” पर संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में यह संकल्प अपनाया गया, जो यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि AI तकनीक का विकास सभी के लिए सतत विकास को सुलभ बनाए। इस संकल्प के 120 से अधिक UNGA सदस्य देश या तो सह-प्रायोजक हैं या इसका समर्थन कर रहे हैं।
एक वैश्विक पहल:
संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व में तैयार किया गया यह संयुक्त राष्ट्र का संकल्प वैश्विक समुदाय द्वारा AI के बारे में बढ़ती चिंताओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह संकल्प AI के भविष्य की दिशा तय करने में मील का पत्थर साबित होने वाला है। इसका लक्ष्य है कि AI का लाभ दुनिया के सभी क्षेत्रों के देशों और विकास के हर स्तर तक पहुंच सके। यह सतत् विकास, क्षमता निर्माण, और विशेष रूप से विकासशील देशों के तकनीकी अंतर को कम करने पर जोर देता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्या है?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसी मशीनों या कंप्यूटर प्रोग्राम्स की क्षमता है जो विभिन्न कार्यों को करने के लिए बुद्धिमान व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। AI सिस्टम डेटा का विश्लेषण करने, पैटर्न को समझने, निर्णय लेने और मानव जैसी क्रियाएं करने में सक्षम हैं। AI तकनीक कई क्षेत्रों में क्रांति ला रही है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, वित्त, परिवहन और बहुत कुछ शामिल हैं।
संकल्प के मुख्य उद्देश्य:
यह UNGA संकल्प AI के सुरक्षित, समावेशी और नैतिक विकास के लिए एक वैश्विक ढांचा प्रदान करता है। इसके मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
- सुरक्षित एआई सिस्टम को बढ़ावा देना: यह संकल्प सदस्य देशों के साथ-साथ निजी क्षेत्र, सामाजिक संगठनों (सिविल सोसायटी), और इस क्षेत्र के अन्य भागीदारों को सुरक्षित AI प्रणालियों से जुड़े नियमों और विनियमन को बनाने तथा उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- डेटा का महत्व: यह AI सिस्टम के मूलभूत घटक के रूप में डेटा के महत्व की पुष्टि करता है। इसमें AI व्यवस्था के पूरे जीवन-चक्र के दौरान उपयोग किए गए डेटा की गुणवत्ता, गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई गई है।
- मानवाधिकारों की सर्वोच्चता: इसमें ज़ोर दिया गया है कि AI प्रणाली के इस्तेमाल की पूरी अवधि के दौरान मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं का सम्मान, सुरक्षा और इनका प्रचार-प्रसार होना ही चाहिए।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: AI के क्षेत्र में समावेशी अनुसंधान, मैपिंग, और विश्लेषण को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से निरंतर प्रयास करने की अपील की गई है। इसमें मौजूदा, नई, और उभरती हुई तकनीकों के प्रयोग से AI प्रणालियों की सभी के लाभ के लिए इस्तेमाल की संभावना पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- विविधता को बढ़ावा देना: इसके साथ ही, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को प्रोत्साहन देने, उसका संरक्षण करने, और सुरक्षित करने वाली AI प्रणालियों को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया गया है।
AI को बढ़ावा देने के अन्य प्रयास:
AI प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और नैतिक उपयोग के लिए यह संयुक्त राष्ट्र का पहला कदम नहीं है। इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी प्रयास हुए हैं:
- यूरोपीय संघ का AI अधिनियम: यह AI के सुरक्षित और नैतिक इस्तेमाल के लिए एक कानूनी ढांचा उपलब्ध कराता है।
- AI के लिए ब्लेचली घोषणा-पत्र: यह घोषणापत्र भी AI के सुरक्षित और नैतिक उपयोग के लिए दिशा-निर्देश देता है।
- AI पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) का नई दिल्ली घोषणा-पत्र: इसमें जिम्मेदारी से AI का विकास करने और इसका इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है।
यह संकल्प क्यों महत्वपूर्ण है?
संयुक्त राष्ट्र के इस संकल्प के ऐतिहासिक महत्व के कई कारण हैं:
- मार्गदर्शक सिद्धांत: यह संकल्प AI के विकास और इस्तेमाल के लिए अहम मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम करेगा।
- सुरक्षा और भरोसा: यह सुनिश्चित करने में सहयोगी होगा कि AI का इस्तेमाल सभी के लाभ के लिए हो और यह मनुष्यता के लिए कोई खतरा न बने।
- AI का दुरुपयोग रोकने की कोशिश: इस संकल्प में AI के दुरुपयोग को रोकने से जुड़े प्रावधान भी शामिल हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा: यह सभी देशों को AI के विकास और इस्तेमाल में बराबर मौके देने का प्रयास करता है।
- नैतिकता का महत्व: यह संकल्प AI के नैतिक और जिम्मेदारी से भरे इस्तेमाल (Responsible and Ethical AI) को बढ़ावा देता है।
संभावित प्रभाव और चुनौतियां:
संयुक्त राष्ट्र के AI संकल्प में दुनिया भर में इस प्रौद्योगिकी को आकार देने की क्षमता है। इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं:
- सकारात्मक परिवर्तन का वाहक: AI को व्यापक रूप से वैश्विक चुनौतियों, जैसे गरीबी, बीमारी, और जलवायु परिवर्तन से निपटने के एक उपकरण के रूप में देखा जाता है। यह संकल्प AI को सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम करने में अहम भूमिका निभाएगा।
- डिजिटल विभाजन को पाटना: विकासशील देशों में क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर अधिक ध्यान देने से AI के लाभों को अधिक समान रूप से बाँटने में मदद मिल सकती है।
- नैतिक चिंताएं: AI के उपयोग के साथ कई नैतिक चिंताएं हैं, जैसे कि पूर्वाग्रह, स्वायत्त हथियार प्रणालियों का संभावित विकास, और नौकरियों पर प्रभाव। इस संकल्प में जिम्मेदार और समावेशी AI को बढ़ावा देने के प्रयासों द्वारा इन चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA): एक परिचय
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक महत्वपूर्ण अंग है। यह UN का मुख्य परिचर्चा मंच, नीति-निर्धारक और प्रतिनिधिक अंग है। UNGA की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत हुई थी।
UNGA में संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। जो देश UN के सदस्य नहीं हैं, उन्हें UNGA द्वारा पर्यवेक्षक का दर्जा दिया जा सकता है। अंतर-सरकारी संगठन भी UNGA में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्थायी पर्यवेक्षक महासभा के सत्रों और कामकाज में शामिल हो सकते हैं तथा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में अपना मिशन नियुक्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
संयुक्त राष्ट्र महासभा का यह संकल्प कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम है। यह मानवता के लिए AI का अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए नैतिक ढांचे और वैश्विक सहयोग की नींव रखता है। यदि इसे सही तरीके से लागू किया जाए, तो यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस AI का इस्तेमाल मानवता के लाभ के लिए हो और उससे किसी प्रकार का खतरा उत्पन्न न हो।