ICOMOS Launches “World Heritage Transhumance Initiative”; ICOMOS ने “वर्ल्ड हेरिटेज ट्रांस-ह्यूमैन्स इनिशिएटिव” शुरू किया

ICOMOS, जो कि अंतर्राष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद के नाम से भी जाना जाता है, ने हाल ही में “वर्ल्ड हेरिटेज ट्रांस-ह्यूमैन्स इनिशिएटिव” की शुरुआत की है। यह पहल ट्रांस-ह्यूमैन्स सांस्कृतिक भू-क्षेत्रों (Transhumance Cultural Landscapes) के विरासत मूल्य को रेखांकित करने के लिए शुरू की गई है। इस महत्वपूर्ण पहल को अजरबैजान का भी समर्थन प्राप्त है।

इस पहल के उद्देश्य:

1. ट्रांस-ह्यूमैन्स के जटिल पर्यावरणीय, सांस्कृतिक और सामाजिक पहलुओं को उजागर करना:
यह पहल ट्रांस-ह्यूमैन्स के विभिन्न पहलुओं को समझने और उनके महत्व को दुनिया के सामने लाने का प्रयास करती है। यह न केवल पर्यावरणीय बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

2. अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना:
इस पहल के माध्यम से विभिन्न देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। यह सांस्कृतिक विरासत की रक्षा और उसके संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

3. मानव विरासत में ट्रांस-ह्यूमैन्स सांस्कृतिक भू-क्षेत्रों के योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करना:
यह पहल लोगों को ट्रांस-ह्यूमैन्स सांस्कृतिक भू-क्षेत्रों के महत्व के बारे में जागरूक करेगी और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करेगी।

ट्रांस-ह्यूमैन्स के बारे में:

ट्रांस-ह्यूमैन्स क्या है?
ट्रांस-ह्यूमैन्स पशुओं के मौसमी प्रवासन की पारंपरिक प्रथा या घुमंतू व्यवस्था है। इसमें मानव समुदाय अपने पशुधन के साथ भौगोलिक या जलवायु क्षेत्रों के बीच प्रवास करते रहते हैं। यह परंपरा विश्व भर के कई पर्वतीय क्षेत्रों में प्रचलित है।

ट्रांस-ह्यूमैन्स परंपराओं का वैश्विक महत्व
2023 में, दो ट्रांस-ह्यूमैन्स परंपराओं को यूनेस्को-मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया था। ये हैं:

  • 10 यूरोपीय देशों में ट्रांस-ह्यूमैन्स
  • स्विट्जरलैंड का अल्पाइन चारागाह मौसम

ट्रांस-ह्यूमैन्स भू-क्षेत्रों का महत्व:

प्राचीन परंपरा और जलवायु अनुकूलन
प्रागैतिहासिक काल से ही इस परंपरा ने बदलती जलवायु परिस्थितियों के बीच अक्सर प्रतिकूल वातावरण के संधारणीय उपयोग और उन्हें बुद्धिमानीपूर्वक अनुकूल बनाने के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।

खाद्य सुरक्षा और सामाजिक समावेशन
यह परंपरा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है, सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देती है और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करती है।

पर्यावास संरक्षण और जैव-विविधता
यह परंपरा पर्यावास संरक्षण, बीज प्रसार और आगजनी को रोकने जैसी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती है। इस तरह यह पारिस्थितिकी-तंत्र और जैव-विविधता के संरक्षण को बढ़ावा देती है।

ट्रांस-ह्यूमैन्स संस्कृति के लिए खतरा:

आर्थिक गतिविधियों में बदलाव
आर्थिक गतिविधियों में बदलाव के कारण प्रवासन की जगह स्थायी बस्तियाँ बसाने को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे यह परंपरा खतरे में पड़ रही है।

चरागाह क्षेत्र का कम होना
चरागाह क्षेत्र कम हो रहे हैं, जिससे पशुपालन की यह परंपरा प्रभावित हो रही है।

जलवायु परिवर्तन
जलवायु परिवर्तन भी इस परंपरा को प्रभावित कर रहा है, जिससे इसे बनाए रखना कठिन हो गया है।

औद्योगिक और शहरी विकास
औद्योगिक उद्देश्यों और शहरी विकास के लिए इनके प्रवास भू-क्षेत्रों का उपयोग किया जाने लगा है, जिससे यह परंपरा संकट में है।

भारत के ट्रांस-ह्यूमैन्स भू-क्षेत्र:

हिमालयी क्षेत्रों में ट्रांस-ह्यूमैन्स परंपरा
ट्रांस-ह्यूमैन्स परंपरा हिमालय में प्रचलित है। यहाँ गुज्जर, बकरवाल, गद्दी और चांगपा जैसी कई खानाबदोश जनजातियाँ हैं, जो भेड़ एवं बकरियाँ पालती हैं। गर्मियों में पशुओं को उप-अल्पाइन और अल्पाइन चरागाहों में ले जाया जाता है, जबकि सर्दियों के दौरान उन्हें आस-पास के मैदानों में चराया जाता है।

अन्य भारतीय राज्य
यह परंपरा राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी मौजूद है।

निष्कर्ष:

ICOMOS की “वर्ल्ड हेरिटेज ट्रांस-ह्यूमैन्स इनिशिएटिव” एक महत्वपूर्ण कदम है जो ट्रांस-ह्यूमैन्स सांस्कृतिक भू-क्षेत्रों के संरक्षण और उन्हें वैश्विक मान्यता दिलाने की दिशा में उठाया गया है। इस पहल से इन पारंपरिक परंपराओं के महत्व को उजागर करने, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और मानव विरासत में इनके योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। यह पहल ट्रांस-ह्यूमैन्स संस्कृति को सुरक्षित रखने और इसे भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

FAQs:

“वर्ल्ड हेरिटेज ट्रांस-ह्यूमैन्स इनिशिएटिव” क्या है?

“वर्ल्ड हेरिटेज ट्रांस-ह्यूमैन्स इनिशिएटिव” ICOMOS द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य ट्रांस-ह्यूमैन्स सांस्कृतिक भू-क्षेत्रों के विरासत मूल्य को रेखांकित करना और उनके संरक्षण को बढ़ावा देना है।

ट्रांस-ह्यूमैन्स क्या है?

ट्रांस-ह्यूमैन्स पशुओं के मौसमी प्रवासन की एक पारंपरिक प्रथा है, जिसमें मानव समुदाय अपने पशुधन के साथ भौगोलिक या जलवायु क्षेत्रों के बीच प्रवास करते हैं।

ट्रांस-ह्यूमैन्स संस्कृति को कौन-कौन से खतरे हैं?

इस संस्कृति के लिए प्रमुख खतरे हैं आर्थिक गतिविधियों में बदलाव, चरागाह क्षेत्र का कम होना, जलवायु परिवर्तन, और औद्योगिक एवं शहरी विकास।

2023 में किस ट्रांस-ह्यूमैन्स परंपराओं को यूनेस्को की सूची में शामिल किया गया?

2023 में 10 यूरोपीय देशों में ट्रांस-ह्यूमैन्स और स्विट्जरलैंड के अल्पाइन चारागाह मौसम को यूनेस्को-मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया।

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