पाकिस्तान की एक भ्रष्टाचार-विरोधी अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को टोशाखाना मामले में 14 साल की कैद की सजा सुनाई है। यह फैसला आज ही सुनाया गया और पूरे पाकिस्तान में हलचल मचा दी है।
टोशाखाना पाकिस्तान सरकार का एक विभाग है जो विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त उपहारों का प्रबंधन करता है। आरोप है कि इमरान खान ने प्रधानमंत्री रहते हुए टोशाखाना से मिले उपहारों को कम कीमत पर अपने पास रख लिया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
अदालत ने पाया कि इमरान खान ने दुबई के शासक परिवार से मिले घड़ी, हार और कफ्स लिंक्स को कम कीमत पर अपने पास रखने की जानकारी छिपाई और टोशाखाना नियमों का उल्लंघन किया। इसके अलावा, बुशरा बीबी पर भी आरोप था कि उन्होंने इन उपहारों को बेचने में इमरान खान की मदद की।
इस फैसले के बाद इमरान खान के समर्थकों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि यह फैसला राजनीतिक रूप से प्रेरित है और इमरान खान को सत्ता से दूर रखने की साजिश है। वहीं, पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि यह फैसला कानून के मुताबिक लिया गया है और किसी को भी भ्रष्टाचार करने का अधिकार नहीं है।
फिलहाल खान रावलपिंडी जेल में सजा काट रहे हैं और इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मामला पाकिस्तान की राजनीति पर छाया रहेगा और देश के भविष्य पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु:
- टोशाखाना मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।
- यह फैसला पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ा सकता है।
- खान के समर्थक इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
- सरकार का कहना है कि यह फैसला कानून के मुताबिक लिया गया है।
- खान इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।
- यह फैसला इमरान खान के राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका है।
- दोनों पर सजा के अलावा 10 साल तक किसी भी सार्वजनिक पद पर रहने पर रोक लगा दी गई है।
- उन पर ₹787 मिलियन का जुर्माना भी लगाया गया है।
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