हर साल जब पंक्तिबद्ध तिरंगा 15 जनवरी को हमारा स्वागत करता है, तो वह सिर्फ तारीख नहीं, बल्कि भारतीय सेना दिवस का पावन अवसर होता है। 1949 में इसी ऐतिहासिक दिन फील्ड मार्शल के.एम. करिअप्पा ने ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ से भारतीय सेना की कमान संभाली थी और एक सुनहरा अध्याय लिखा था। आज यह गौरवमयी विरासत 76 वर्ष की हो चुकी है और भारतीय सेना अपने शौर्य से सीमाओं की निगरानी में डटी हुई है।
Indian Army Day 2024 Theme:
इस वर्ष भारतीय सेना दिवस का थीम “राष्ट्र सेवा” (“In Service of the Nation”) है। यह थीम सेना के मूल तत्व पर प्रकाश डालती है और दर्शाती है कि हमारे राष्ट्र के सैनिक अटूट समर्पण, प्रतिबद्धता और व्यावसायिकता के प्रतीक हैं। यह थीम भारतीय सेना के आदर्श वाक्य, “सेवा पहले, स्वयं बाद में” (Service Before Self) को भी दर्शाती है। इसका अर्थ है कि सेना के अधिकारी सदैव राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं और युवाओं को राष्ट्र के प्रति प्रेम और सम्मान जगाने के लिए प्रेरित करते हैं।
यह थीम सेना की देश सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारतीय सेना ने देश की रक्षा के लिए कई युद्ध लड़े हैं और कई वीर सैनिकों ने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर की है। सेना प्राकृतिक आपदाओं में भी राहत कार्य में अपना योगदान देती है। सेना देश के विकास और प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यह थीम युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती है। युवाओं को चाहिए कि वे सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करें। वे सेना में भर्ती होकर राष्ट्र सेवा के साथ-साथ अपने करियर को भी आगे बढ़ा सकते हैं।
भारतीय सेना का इतिहास गौरवशाली है। सेना ने देश की रक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। सेना राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
आत्मनिर्भरता का संदेश:
2024 का सेना दिवस “नये आयामों के साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सेना का योगदान” के साथ एक नया संदेश लेकर आता है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सेना स्वदेशी तकनीकों और हथियारों का विकास कर रही है। डिजिटल युद्धकला का विकास, आधुनिकीकरण का ज़ोर, स्वदेशी हथियारों का निर्माण, साइबर सुरक्षा में दक्षता और अंतरिक्ष युद्ध क्षमता पर ध्यान केंद्रित है। ये कदम आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। वे सेना को आत्मनिर्भर बनाएंगे और देश की सुरक्षा को मजबूत करेंगे।
भव्य आयोजन का उत्साह:
भारतीय सेना दिवस परेड का नेतृत्व इस वर्ष भारतीय सेना के वर्तमान सेना प्रमुख, जनरल मनोज पांडे करेंगे। परेड उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ छावनी में आयोजित की जाएगी। यहां भव्य परेड का आयोजन किया जाएगा।
हर साल, यह परेड दिल्ली छावनी के करिअप्पा परेड ग्राउंड में आयोजित की जाती थी। लेकिन, इस साल इसे देश की राजधानी के बाहर मनाने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि अधिक लोग शामिल हो सकें और सेना के कर्मियों के योगदान से प्रेरित हो सकें। लखनऊ को सेना दिवस 2024 मनाने के लिए चुनने का एक और कारण शहर की समृद्ध सैन्य विरासत है।
भारतीय सेना दिवस परेड एक राष्ट्रीय समारोह है जो देश की सुरक्षा और सेना के महत्व को मनाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब देशवासी अपने सैनिकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं।
समाजसेवा का गौरव:
भारतीय सेना का महत्व सिर्फ युद्ध तक ही सीमित नहीं है। प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य, कोविड-19 महामारी के दौरान जन सेवा, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता और युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना, ये सभी पहल हमारे समाज को मज़बूत बनाती हैं।
सेना ने केरल और महाराष्ट्र में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद की थी। सेना ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी लोगों की मदद की थी। कोविड-19 महामारी के दौरान, सेना ने स्वास्थ्य सेवा, आपूर्ति श्रृंखला, और बुनियादी ढांचे के रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सेना ने लोगों को टीकाकरण, मास्क पहनने, और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया था। सेना सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में भी सक्रिय रूप से भाग लेती है। सेना युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करती है।
भारतीय सेना को नमन:
76 वर्षों का गौरवपूर्ण इतिहास, वीरता के अनगिनत किस्से, अदम्य साहस और लगातार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम – यही भारतीय सेना की पहचान है। 15 जनवरी को हम उन हर सैनिक, हर शहीद को सलाम करते हैं, जो भारत की सीमाओं पर खड़े होकर हमारे चैन की नींद की रक्षा करते हैं। आइए, इस दिन हम देश की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं और भारतीय सेना को गर्व से नमन करें।
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