Indore The Cleanest City In India; इंदौर ने फिर जीता स्वच्छता का सर्वोच्च सम्मान, जानें सफलता का राज:

पिछले छह सालों से देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में पहचाना जाने वाला इंदौर ने एक बार फिर से स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में शीर्ष स्थान हासिल किया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को यह सम्मान प्रदान किया।

यह उपलब्धि किसी चमत्कार का नतीजा नहीं, बल्कि इंदौरवासियों के अथक प्रयासों और नगर निगम की दूरदर्शी योजनाओं का सफल सम्मेलन है। इंदौर ने साल 2017 में पहली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान हासिल किया था, और तब से वह लगातार इस मुकाम को बरकरार रखे हुए है।

इंदौर के लगातार अच्छे प्रदर्शन के पीछे कई कारक हैं, जिनमें कुशल कचरा प्रबंधन प्रणाली, सक्रिय नागरिक भागीदारी और नवाचार का उपयोग शामिल है। उदाहरण के लिए, इंदौर ने कचरे को खाद में बदलने के लिए कई प्लांट लगाए हैं ।

इंदौर की जीत के पीछे कई कारक हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • जनभागीदारी: स्वच्छता को इंदौर में एक जन आंदोलन बनाया गया है। नगर निगम द्वारा चलाए गए जागरूकता अभियानों के साथ-साथ, शहर के लोग भी कचरा प्रबंधन में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
  • डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण: इंदौर में कचरा घर-घर जाकर इकट्ठा किया जाता है, जिससे लोगों को सड़क किनारे या नालियों में कचरा फेंकने का कोई मौका नहीं मिलता।
  • कचरा प्रबंधन का वैज्ञानिक तरीका: इंदौर में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है। गीले कचरे को खाद में बदला जाता है, जबकि सूखे कचरे का पुनर्चक्रण किया जाता है।
  • टेक्नोलॉजी का उपयोग: इंदौर नगर निगम कचरा संग्रहण और निगरानी के लिए जीपीएस ट्रैकिंग और मोबाइल ऐप जैसी तकनीकों का भी उपयोग करता है।
  • शौचालय की उपलब्धता: इंदौर में लगभग 2.5 लाख की चलायमान आबादी है। जो रोजाना अपने काम के सिलसिले में यात्रा करती है। इंदौर नगर निगम ने प्रत्येक 200 मीटर के बाद एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया है। जिनका काफी अच्छी तरह से रखरखाव किया जाता है।
  • हवा की गुणवत्ता में सुधार: इंदौर ने हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी कई उपाय किए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
    • सड़कों को मैकेनाइज्ड स्वीपिंग पद्धति से लगातार साफ किया जाता है।
    • निर्माण कार्य स्थलों पर ले जाने वाले सामानों के सभी वाहनों को तारपोलिन से ढंककर ले जाना अनिवार्य किया गया।
    • सभी कंस्ट्रक्शन साइट पर ग्रीन नेट से कवर करना अनिवार्य है।
  • सम्मान व सुविधाएं: इंदौर में सफाई कर्मचारियों को न केवल बुनियादी सुविधाएं दी जाती हैं, बल्कि उनका सम्मान भी किया जाता है। उनकी मेहनत का सम्मान, स्वच्छता की नींव है!
  • कचरा निपटान नियम: इंदौर में कचरा निपटान के लिए सख्त नियम लागू हैं। खुले में कचरा फेंकने पर भारी जुर्माना लगाया जाता है। ये नियम नागरिकों को जिम्मेदार बनाते हैं और स्वच्छता के प्रति अनुशासन लाते हैं।
  • जवाबदेही तय करना: न सिर्फ नागरिकों को बल्कि कचरा संग्रहण कंपनियों, सफाई कर्मचारियों और सरकारी अधिकारियों को भी प्रदर्शन के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है। इससे हर स्तर पर जिम्मेदारी तय होती है और शहर की स्वच्छता का स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है।

इंदौर की स्वच्छता की कहानी से कुछ महत्वपूर्ण सीख

  • स्वच्छता एक जन आंदोलन होना चाहिए। इसके लिए, लोगों को जागरूक करना और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है।
  • कचरा प्रबंधन का वैज्ञानिक तरीका होना चाहिए। गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग इकट्ठा करना और उन्हें पुनर्चक्रण या खाद बनाने के लिए उपयोग करना चाहिए।
  • तकनीक का उपयोग स्वच्छता के क्षेत्र में नवाचार और दक्षता में सुधार के लिए किया जा सकता है।
  • सफाई कर्मचारियों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें उचित सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।

निष्कर्ष

इंदौर की लगातार सफलता यह साबित करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और ठोस प्रयासों के साथ स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। अन्य शहर इंदौर के मॉडल का अध्ययन कर सकते हैं और इसे अपने संदर्भ में अनुकूलित कर सकते हैं। स्वच्छता के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए न केवल सरकारी पहल महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी जरूरी है कि समाज के सभी वर्ग इसके लिए सक्रिय रूप से भाग लें। आइए हम सभी मिलकर अपने शहरों को इंदौर जैसा स्वच्छ बनाएं और देश को खुले में शौच मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करें।

Top 10 City Ranks

CityRankScorePrevious Rank
Indore1717.091
Surat1717.092
Navi Mumbai3651.093
Visakhapatnam4647.464
Bhopal5645.496
Greater Vijayawada6641.465
New Delhi (NDMC)7640.059
Tirupati8638.957
Pune9637.7511
Greater Hyderabad10636.5413

Also Read

NATIONAL YOUTH DAY; SWAMI VIVEKANANDA-युवाओं के लिए प्रेरणा

Sharing Is Caring:

Leave a comment