अभी हाल ही में इज़रायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में भीषण संघर्ष छिड़ गया है, जिससे दोनों तरफ से भारी नुकसान हुआ है। इज़रायल का दावा है कि उसने हमास के दो तिहाई से अधिक रेजिमेंटों को नष्ट कर दिया है, और प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने 18 January को तेल अवीव में एक न्यूज़ कांफ्रेंस के दौरान कहा है कि वह तब तक लड़ते रहेंगे जब तक हमास हार नहीं मान लेता और बंधकों को रिहा नहीं कर देता।
हालाँकि, हमास भी लगातार रॉकेट हमले कर रहा है, जिनमें से कुछ तेल अवीव तक पहुँच रहे हैं, जो पहले कभी नहीं हुआ था। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संघर्ष विराम का आह्वान किया है, लेकिन अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।
इस संघर्ष की शुरुआत मई 2021 में हुई थी, जब हमास ने इज़रायल पर रॉकेट हमले किए थे। इज़रायल ने जवाब में हवाई हमले किए, जिससे गाजा में भारी तबाही हुई। संघर्ष के कारण अब तक दोनों तरफ से सैकड़ों लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं।
हमास एक फिलिस्तीनी इस्लामी आतंकवादी समूह है जो इज़रायल के अस्तित्व का विरोध करता है। इज़रायल का कहना है कि हमास के रॉकेट हमले उसके नागरिकों के लिए एक गंभीर खतरा हैं, और वह अपनी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर है।
हालांकि, फिलिस्तीनियों का कहना है कि इज़रायल की हवाई कार्रवाई असमान है और गाजा में निर्दोष नागरिकों को मार रही है। वे यह भी कहते हैं कि इज़रायल की नाकाबंदी गाजा में मानवीय संकट पैदा कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस संघर्ष को “पूरी तरह से अस्वीकार्य” बताया है और दोनों पक्षों से तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि संघर्ष एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध का कारण बन सकता है।
इस संघर्ष का मध्य पूर्व में शांति प्रक्रिया पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है। इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच शांति वार्ता कई वर्षों से ठप है, और इस संघर्ष से उन्हें फिर से शुरू करने की संभावना कम हो गई है।
हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष जल्द ही एक शांतिपूर्ण समाधान खोज लेंगे। यह संघर्ष न केवल इज़रायल और फिलिस्तीन के लोगों के लिए बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक त्रासदी है।
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