James Webb Space Telescope’s ‘Uncover’ Program: Unraveling the Mystery of the Dark Ages of the Universe:जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का अनकवर कार्यक्रम: ब्रह्मांड के अंधेरे युग का रहस्योद्घाटन:

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST), नासा द्वारा विकसित अब तक का सबसे शक्तिशाली दूरबीन, ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने का काम कर रहा है। अनकवर कार्यक्रम, JWST की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो “डार्क एज” का अध्ययन करने पर केंद्रित है। यह वह अवधि थी जब प्रकाश के स्रोत न्यूट्रल हाइड्रोजन गैस के घने कोहरे में ढके हुए थे।

डार्क ऐज क्या है

बिग बैंग के ठीक बाद का समय, जब ब्रह्मांड अभी अत्यधिक गर्म और घना था, ब्रह्मांड के विकास का एक महत्वपूर्ण चरण है। इसके बाद कालक्रम, जो लगभग 180 करोड़ सालों तक चला, “डार्क एज” के नाम से जाना जाता है। इस दौरान, ब्रह्मांड मुख्य रूप से हाइड्रोजन गैस से भरा हुआ था जो अपनी न्यूट्रल अवस्था में था। न्यूट्रल हाइड्रोजन दृश्य प्रकाश को अवशोषित कर लेता है, यही कारण है कि डार्क एज के दौरान ब्रह्मांड लगभग पूरी तरह से अंधकारमय था। इस अवधि के बारे में हमारी जानकारी अभी भी सीमित है, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इसी दौरान ब्रह्मांड का तापमान कम हुआ और पहली तारों और आकाशगंगाओं का निर्माण शुरू हुआ। डार्क एज का अंत “री-आयनीकरण” (reionization) नामक एक प्रक्रिया से हुआ। यह वह समय था जब ब्रह्मांड में पहली तारों और आकाशगंगाओं से तीव्र विकिरण हुआ, वहीं न्यूट्रल हाइड्रोजन को फिर से आयनित (या चार्ज) किया, जिससे अंततः ब्रह्मांड पारदर्शी बन गया।

अनकवर कार्यक्रम

अनकवर कार्यक्रम नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से जुड़ा एक प्रमुख शोध पहल है। JWST अब तक का सबसे शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन है, जिसे ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करने के लिए बनाया गया है। अनकवर कार्यक्रम विशेष रूप से ब्रह्मांड के “डार्क एज” (अंधकार युग) का अध्ययन करने पर केंद्रित है। अनकवर कार्यक्रम का पूरा रूप है: ULTRADEEP NIRSPEC AND NIRCAM OBSERVATIONS BEFORE THE EPOCH OF REIONIZATION. इसके दो प्रमुख उद्देश्य है- पहला “डार्क एज के दौरान प्रथम प्रकाश (फर्स्ट-लाइट) बिखेरने वाली आकाशगंगाओं की पहचान करना और दूसरा “अत्यंत कम आभा वाली आकाशगंगाओं का अध्ययन करना, जो री-आयोनाइजेशन के लिए जिम्मेदार थी।”

अनकवर कार्यक्रम के हालिया परिणाम:

  • डार्क एज की अवधि: अनकवर कार्यक्रम ने डार्क एज की शुरुआत और समाप्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। डेटा से पता चलता है कि डार्क एज लगभग 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग के बाद शुरू हुआ था, और लगभग 13.5 अरब साल पहले समाप्त हुआ था।
  • पहली आकाशगंगाओं का निर्माण: अनकवर कार्यक्रम ने ब्रह्मांड में पहली आकाशगंगाओं के निर्माण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। डेटा से पता चलता है कि पहली आकाशगंगाएं डार्क एज के अंत में बनी थीं, और वे बहुत छोटी और अस्थिर थीं।
  • तारों और ग्रहों का निर्माण: अनकवर कार्यक्रम ने तारों और ग्रहों के निर्माण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। डेटा से पता चलता है कि तारे और ग्रह पहली आकाशगंगाओं में बने थे, और वे धीरे-धीरे समय के साथ विकसित हुए।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप:  

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) खगोल विज्ञान में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। यह नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी के बीच एक संयुक्त परियोजना है, जिसे दिसंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। यह सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर, सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज बिंदु पर स्थित है। यह विशेष स्थिति अंतरिक्ष में एक तरह का संतुलन बिंदु है, जहां अंतरिक्ष यान को अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए कम ऊर्जा उपयोग करनी पड़ती है।

बड़े आकार और अत्याधुनिक उपकरणों के साथ, यह अब तक का सबसे बड़ा, सबसे शक्तिशाली इन्फ्रारेड अंतरिक्ष दूरदर्शी है। यह हबल स्पेस टेलीस्कोप (HST) के उत्तराधिकारी के रूप में कार्य करता है, जो ब्रह्मांड को मुख्य रूप से दृश्य प्रकाश में देखता था। JWST, इन्फ्रारेड तरंगों पर ध्यान केंद्रित करके, ब्रह्मांड के सबसे दूर के छोर और उन वस्तुओं का अध्ययन करता है जो बिग बैंग के ठीक बाद बनी थीं। इसके अन्य उद्देश्यों में शामिल हैं: दूर की आकाशगंगाओं और तारों के निर्माण का अध्ययन, ग्रहों की खोज, और जीवन के लिए संभावित रहने योग्य ग्रहों की खोज।

JWST के लॉन्च के बाद से, इसने ब्रह्मांड की सबसे गहरी, सबसे विस्तृत तस्वीरें ली हैं, जो विज्ञान के लिए अद्भुत हैं। इसकी उन्नत तकनीक वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड की हमारी समझ को और गहरा करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है, जिनमें से दो प्रमुख उपकरण हैं – NIRSPEC (नियर-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोग्राफ) और NIRCam (नियर-इन्फ्रारेड कैमरा)। NIRSPEC प्रकाश को उसकी तरंगदैर्ध्य के आधार पर अलग कर देता है, जिससे खगोलविदों को दूर की वस्तुओं के रासायनिक संरचना, तापमान और गति का पता लगाने में मदद मिलती है। वहीं दूसरी ओर, NIRCam अवरक्त प्रकाश में उच्च-रिज़ॉल्यूशन की छवियां लेने में सक्षम है, जिससे खगोलविदों को अत्यंत दूर और मद्धिम आकाशगंगाओं का पता लगाने में मदद मिलती है।

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