Leap in Indian AI Technology: IIT Bombay’s Bharat-GPT Group Launches ‘Hanuman’ Service Similar to ChatGPT; भारतीय AI प्रौद्योगिकी की छलांग: IIT बॉम्बे के भारत-GPT ग्रुप द्वारा चैट-GPT जैसी ‘हनुमान’ सेवा का शुभारंभ:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के नेतृत्व वाला भारत-GPT ग्रुप अब ‘हनुमान’ नामक अपनी चैट-GPT जैसी क्रांतिकारी AI सेवा शुरू करने के लिए तैयार है।

हनुमान: भारतीय LLMs की शक्ति

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे के नेतृत्व में एक अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) परियोजना, भारत-GPT ग्रुप, जल्द ही ‘हनुमान’ नामक एक शक्तिशाली चैट-GPT जैसी सेवा शुरू करने की तैयारी में है। ‘हनुमान’ लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) की एक श्रृंखला है, जो विभिन्न भारतीय भाषाओं में सवालों के जवाब दे सकती है, जानकारी प्रदान कर सकती है, और यहां तक कि नए विषयों पर मौलिक लेख भी लिख सकती है। यह अत्याधुनिक तकनीक शुरू में हिंदी, तमिल और मराठी भाषाओं का समर्थन करेगी, जिससे इन भाषाओं में व्यापक रूप से सामग्री उत्पन्न (content generation) हो सकेगी।

हनुमान के संभावित उपयोग और विविध क्षेत्रों में प्रभाव:

भारत-GPT ग्रुप का मानना है कि ‘हनुमान’ मॉडल का स्वास्थ्य सेवा, शासन, वित्तीय सेवाओं और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ने की क्षमता है। आइए एक नजर डालते हैं कि यह तकनीक इन प्रमुख उद्योगों में कैसे क्रांति ला सकती है:

  • स्वास्थ्य सेवा: हनुमान का उपयोग चिकित्सा अनुसंधान को तेज करने, रोगियों के लक्षणों का गहन विश्लेषण करके डायग्नोस्टिक में सुधार, और चिकित्सकों के लिए बेहतर ट्रीटमेंट प्लान के निर्माण में मदद के लिए किया जा सकता है।
  • शासन (Governance): भारत में कुशल शासन के लिए ‘हनुमान’ एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है। प्रशासनिक दस्तावेजों का अनुवाद, जनता के लिए सरकारी योजनाओं को सरल बनाना, और नागरिकों की शिकायतों को कारगर तरीके से हल करना इसके कुछ उपयोग हैं।
  • वित्तीय सेवाएं: बैंकिंग, बीमा और अन्य वित्तीय संस्थानों में कई कार्यों को सुव्यवस्थित करने में हनुमान की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। अर्निंग कॉल (Earnings calls) को संक्षेप में प्रस्तुत करना, जोखिम विश्लेषण (risk analysis) को स्वचालित (automate) करना, और ग्राहकों के प्रश्नों के जवाब देने के लिए चैटबॉट प्रदान करना इसके संभावित उपयोग हैं।
  • शिक्षा: हनुमान मॉडल शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यह छात्रों के लिए भाषा आधारित कठिन विषयों को समझना आसान बना सकता है, स्वचालित ग्रेडिंग सिस्टम तैयार कर सकता है, और वैयक्तिक शिक्षण (customized learning) अनुभव प्रदान कर सकता है, जहां सामग्री को प्रत्येक छात्र की जरूरतों के अनुरूप बनाया जा सकता है।

लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स (LLMs) कैसे काम करते हैं?

हनुमान जैसे LLM, डीप लर्निंग एल्गोरिदम पर काम करते हैं। ये एल्गोरिदम बड़े डेटासेट पर प्रशिक्षित होते हैं, जो वास्तविक मानव लिखित भाषा के विशाल उदाहरणों से बने होते हैं। प्रशिक्षण प्रक्रिया के दौरान, LLM भाषा के पैटर्न और संरचना को समझना सीखते हैं। इससे एल्गोरिदम, इनपुट के आधार पर नई सामग्री को उत्पन्न कर पाता है, और मनुष्यों द्वारा संवाद करने के तरीके की नकल कर सकता है।

  • भाषा की पहचान और संक्षेपण: कोई भी लिखित सामग्री (टेक्स्ट), LLM उसे समझ सकता है और उसका सार निकाल सकता है।
  • अनुवाद: एक भाषा से दूसरी भाषा में अनुवाद करना इन मॉडल्स के लिए संभव है।
  • अनुमान और पूर्वानुमान: डेटा के पैटर्न का विश्लेषण करके ये मॉडल भविष्य के रुझानों के बारे में सूचित अनुमान लगा सकते हैं।
  • Content Creation (सामग्री निर्माण): मौलिक रूप से नया टेक्स्ट लिखना, फिर चाहे वह लेख हो, कविता हो, या कोडिंग, LLM की बढ़ती हुई क्षमताओं में शामिल है।

LLM कैसे बनाए जाते हैं

लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM) भाषा मॉडलिंग के लिए AI मॉडल हैं जो टेक्स्ट उत्पन्न करने, भाषाओं का अनुवाद करने, प्रश्नों का उत्तर देने और विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने में सक्षम हैं। LLM, AI अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण प्रगति है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है। LLM विकास एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल हैं:

1. डेटा संग्रह:

LLM को प्रशिक्षित करने के लिए, उच्च-गुणवत्ता वाले डेटा की आवश्यकता होती है। डेटा वैज्ञानिक विभिन्न स्रोतों से डेटा इकट्ठा करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • विकिपीडिया: यह एक मुफ्त ऑनलाइन विश्वकोश है जो विभिन्न भाषाओं में लाखों लेखों का संग्रह है।
  • ओपन सोर्स टेक्स्ट: विभिन्न ओपन सोर्स प्रोजेक्ट्स और संगठनों द्वारा प्रकाशित टेक्स्ट का विशाल संग्रह।
  • सोशल मीडिया: ट्विटर, फेसबुक और रेडिट जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से डेटा।
  • ई-बुक्स और लेख: विभिन्न विषयों पर प्रकाशित पुस्तकें और लेख।

डेटा वैज्ञानिक डेटा की गुणवत्ता और विविधता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं।

2. डेटा प्री-प्रोसेसिंग:

डेटा एकत्र करने के बाद, डेटा वैज्ञानिक इसे LLM द्वारा उपयोग के लिए तैयार करते हैं। इसमें शामिल हैं:

  • डेटा को साफ करना और त्रुटियों को दूर करना।
  • डेटा को टोकनाइज़ करना, यानी शब्दों और वाक्यों को छोटे इकाइयों में तोड़ना।
  • डेटा को लेबल करना, यानी प्रत्येक डेटा बिंदु को एक श्रेणी या लेबल प्रदान करना।

डेटा प्री-प्रोसेसिंग LLM की सटीकता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

3. मॉडल आर्किटेक्चर:

डेटा तैयार करने के बाद, डेटा वैज्ञानिक LLM के लिए एक उपयुक्त आर्किटेक्चर चुनते हैं। LLM के लिए सबसे लोकप्रिय आर्किटेक्चर में शामिल हैं:

  • Transformer: यह एक न्यूरल नेटवर्क आर्किटेक्चर है जो भाषा मॉडलिंग कार्यों के लिए बहुत प्रभावी है।
  • Recurrent Neural Networks (RNNs): यह एक प्रकार का न्यूरल नेटवर्क है जो अनुक्रमिक डेटा, जैसे कि टेक्स्ट को समझने में अच्छा है।

आर्किटेक्चर LLM की क्षमताओं और प्रदर्शन को निर्धारित करता है।

4. प्रशिक्षण:

चुने हुए आर्किटेक्चर के आधार पर, LLM को डेटासेट पर प्रशिक्षित किया जाता है। प्रशिक्षण प्रक्रिया में शामिल हैं:

  • मॉडल को डेटासेट के माध्यम से बार-बार इनपुट देना।
  • मॉडल को डेटा में पैटर्न और नियमों को सीखने में मदद करना।
  • मॉडल को लगातार बेहतर बनाने के लिए मापदंडों को समायोजित करना।

प्रशिक्षण LLM की सटीकता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

5. मूल्यांकन:

प्रशिक्षण के बाद, LLM का मूल्यांकन विभिन्न कार्यों पर किया जाता है, जैसे कि:

  • टेक्स्ट उत्पन्न करना।
  • भाषाओं का अनुवाद करना।
  • प्रश्नों का उत्तर देना।

मूल्यांकन LLM की क्षमताओं और प्रदर्शन को मापने में मदद करता है।

6. लॉन्चिंग:

मूल्यांकन के बाद, LLM को उत्पादन वातावरण में तैनात किया जाता है, जहां इसका उपयोग विभिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है।

LLM के निर्माण में आने वाली विशिष्ट चुनौतियां:

हालांकि LLM के अनेक फायदे हैं, लेकिन AI विशेषज्ञों को इन अत्याधुनिक मॉडलों को विकसित करते समय कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं:

  • भारी निवेश: LLMs को विकसित करने के लिए बहुत बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है। शक्तिशाली कंप्यूटिंग, विशाल डेटासेट, और उच्च स्तर की तकनीकी विशेषज्ञता इसकी वजहें हैं।
  • उच्च गुणवत्ता वाले डेटासेट की कमी: भारतीय भाषाओं में गुणवत्तापूर्ण, व्यापक डेटा प्राप्त करना एक और कठिनाई है। यह LLM को प्रशिक्षित और परिष्कृत करने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • तकनीकी विशेषज्ञता: LLM को बनाने के लिए विशिष्ट AI क्षमताओं और विशेषज्ञों की ज़रूरत होती है।
  • कंप्यूटिंग संसाधन: इन मॉडलों के कारगर होने के लिए उच्च स्तर के कंप्यूटर उपकरण और क्लाउड नेटवर्क्स चाहिए।

GPT बनाम LLM: समझें अंतर

GPT या जेनेरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pre-trained Transformer) एक विशेष प्रकार का LLM है। इसे इनपुट के जवाब में मानव-जैसा टेक्स्ट उत्पन्न करने की क्षमता के कारण लोकप्रियता मिली है। आइए, इनके बीच के महत्वपूर्ण अंतरों पर एक नजर डालते हैं:

विशेषताGPTLLM
परिभाषाजेनेरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर, LLM का एक प्रकारलार्ज लैंग्वेज मॉडल, भाषा मॉडलिंग के लिए AI मॉडल
कार्यटेक्स्ट उत्पन्न करना, भाषाओं का अनुवाद करना, प्रश्नों का उत्तर देनाभाषा मॉडलिंग, भाषाओं का अनुवाद करना, प्रश्नों का उत्तर देना, विभिन्न प्रकार की सामग्री उत्पन्न करना
प्रशिक्षणविशिष्ट कार्यों के लिए प्रशिक्षितटेक्स्ट डेटा के विशाल संग्रह पर प्रशिक्षित
उपयोगविभिन्न प्रकार के टेक्स्ट उत्पन्न करने के लिए, जैसे कि लेख, कविताएं, समाचार, आदिविभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए, जैसे कि चैटबॉट, अनुवाद, लेखन सहायता, आदि
लाभमानव-जैसा टेक्स्ट उत्पन्न करने में सक्षमबहुमुखी, विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने में सक्षम
सीमाएंभ्रामक या गलत जानकारी उत्पन्न कर सकता हैडेटासेट पर निर्भर, पूर्वाग्रहों को प्रतिबिंबित कर सकता है
उदाहरणChatGPT, GPT-3Bard, LaMDA

भारत-GPT ग्रुप द्वारा ‘हनुमान’ मॉडल का विकास भारतीय AI क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत को AI अनुसंधान और विकास में अग्रणी देशों में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ‘हनुमान’ मॉडल, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शासन और अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाकर भारत के विकास को गति प्रदान करने में सहायक होगा।

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