हाल ही में, सिसिली (इटली) के पूर्वी तट पर स्थित माउंट एटना, जो लगातार अपनी सक्रियता के लिए जाना जाता है, ने एक अद्भुत और दुर्लभ दृश्य प्रस्तुत किया: वॉल्कैनिक वोर्टेक्स रिंग्स (VVR) का निर्माण! ये रहस्यमय छल्ले आग उगलते इस ज्वालामुखी के शिखर पर देखे गए। आइए, इस अविश्वसनीय घटना को करीब से समझने की कोशिश करते हैं और इसके पीछे के विज्ञान को जानते हैं।
वॉल्कैनिक वोर्टेक्स रिंग्स (VVR):
जैसा कि नाम से ही पता चलता है, वॉल्कैनिक वोर्टेक्स रिंग्स (VVR), ज्वालामुखी क्रेटर से निकलने वाले धुएं और गैसों के विशिष्ट छल्ले के आकार के रूप हैं। इन्हें ‘वॉल्कैनिक स्मोक रिंग्स’ भी कहा जाता है।
जब ज्वालामुखी क्रेटर में एक गोलाकार वेंट या छिद्र होता है, तो उससे तेजी के साथ जलवाष्प और गैसों का उत्सर्जन होता है। अत्यधिक गति और गोलाकार मार्ग मिलकर इस अनूठी घटना को जन्म देते हैं, जहां ज्वालामुखी से धुएं के छल्ले निकलते हैं, ठीक उसी तरह जैसे एक कुशल धूम्रपान करने वाला सिगरेट के धुएं से छल्ले बना सकता है।
माउंट एटना: एक विशेष ज्वालामुखी
दुनिया के सबसे विशाल और सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक माउंट एटना अपनी कई विशेषताओं के लिए जाना जाता है:
- स्थिति: यह ज्वालामुखी दक्षिणी यूरोप के देश इटली के सिसिली द्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है।
- विशेषताएँ:
- दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी, जो लगभग लगातार क्रियाशील रहता है।
- यूरोप का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी (इसकी ऊंचाई परिवर्तनशील है)
- विवर्तनिक स्थिति:
- भूमध्य सागर क्षेत्र के एक अत्यधिक सक्रिय विवर्तनिक (Tectonic) जोन में स्थित है।
- मध्य-महाद्वीपीय ज्वालामुखी बेल्ट का हिस्सा है।
टेक्टोनिक प्लेट्स और माउंट एटना:
हमारी पृथ्वी की ऊपरी परत, स्थलमंडल (lithosphere), कई बड़ी और छोटी टेक्टोनिक प्लेटों में विभाजित है। ये प्लेटें पृथ्वी के मेंटल (mantle) के ऊपर धीमी गति से चलती रहती हैं। भूमध्य सागर क्षेत्र यूरेशियन और अफ्रीकी महाद्वीपीय प्लेटों की अभिसरण सीमा (convergent boundary) के समीप स्थित है। यह वह स्थान है जहां दो महाद्वीपीय प्लेटें एक दूसरे की ओर बढ़ती हैं। जब एक विवर्तनिक प्लेट दूसरी प्लेट के नीचे धंसती है और जहां भूपर्पटी नष्ट होती है, वह अभिसरण सीमा होती है। यह गतिविधि इस क्षेत्र को भूकंपों और ज्वालामुखियों के क्षेत्र में तब्दील कर देती है।
अभिसरण सीमा और प्रविष्ठन क्षेत्र:
जब महाद्वीपीय प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो उनमें से एक प्लेट दूसरी के नीचे धंसने लगती है। भूविज्ञान में, इस क्षेत्र को प्रविष्ठन क्षेत्र या सबडक्शन जोन (subduction zone) के रूप में जाना जाता है। सबडक्शन जोन में, नीचे धंसने वाली प्लेट अंततः मेंटल में चली जाती है जहाँ अत्यधिक ताप के कारण पिघल जाती है। यह पिघला हुआ पदार्थ, जिसे मैग्मा कहा जाता है, कम घनत्व के कारण हल्का हो जाता है और धीरे-धीरे ऊपर की ओर बढ़ने लगता है। कभी-कभी, यह जमा हुआ मैग्मा पृथ्वी की सतह तक पहुँच कर ज्वालामुखी के रूप में विस्फोट कर देता है।
भूमध्यसागरीय क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही होता है। इटली, ग्रीस, और आस-पास के क्षेत्रों में मौजूद ज्वालामुखी इसी टेक्टोनिक गतिविधि का परिणाम हैं। माउंट एटना के अलावा, इस क्षेत्र के कुछ अन्य प्रमुख ज्वालामुखियों में शामिल हैं:
- माउंट वेसुवियस
- स्ट्रॉम्बोली
अन्य सक्रिय ज्वालामुखी बेल्ट:
जब हम एक अकेले ज्वालामुखी के बारे में बात करते हैं, तो उसका अस्तित्व अकसर एक विसंगति लग सकता है। लेकिन, विश्व स्तर पर नज़र डालें तो हम पाते हैं कि ज्वालामुखी गतिविधियाँ अधिकतर कुछ विशिष्ट क्षेत्रों या बेल्टों में केंद्रित होती हैं। माउंट एटना जिस ‘मध्य-महाद्वीपीय ज्वालामुखी बेल्ट’ का हिस्सा है, उसके अलावा दो अन्य प्रमुख बेल्ट हैं:
- सर्कम-पैसिफिक बेल्ट (रिंग ऑफ फायर): प्रशांत महासागर को घेरते हुए स्थित इस बेल्ट में दुनिया के सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
- मिड-अटलांटिक बेल्ट: अटलांटिक महासागर के बीचो-बीच एक दरार के दोनों ओर मौजूद यह बेल्ट भी ज्वालामुखियों से भरी हुई है।
निष्कर्ष:
माउंट एटना का अनूठा वॉल्कैनिक वोर्टेक्स रिंग्स का प्रदर्शन न केवल एक अद्भुत नजारा है, बल्कि यह प्रकृति की ताकत और विवर्तनिक सिद्धांत (plate tectonics) की जटिलताओं का एक उदाहरण भी है। माउंट एटना जैसी प्राकृतिक घटनाएँ हमें इस बात की याद दिलाती हैं कि हमारा ग्रह लगातार बदल रहा है और इसकी आंतरिक शक्तियाँ कभी-कभी आश्चर्यजनक रूपकृतियों का निर्माण कर सकती हैं।
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