2024 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रोटीन अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले तीन वैज्ञानिकों को दिया जाएगा। इन वैज्ञानिकों ने प्रोटीन की संरचना और डिज़ाइन के क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति की है। डेविड बेकर को “कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन” में उनके अग्रणी कार्य के लिए सम्मानित किया जाएगा, जबकि डेमिस हसबिस और जॉन एम. जम्पर को “प्रोटीन स्ट्रक्चर प्रेडिक्शन” में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार मिलेगा।
प्रोटीन संरचनाओं का पूर्वानुमान:
प्रोटीन संरचना का पूर्वानुमान लगाना विज्ञान के सबसे बड़े और चुनौतीपूर्ण सवालों में से एक रहा है। डेमिस हसबिस और जॉन एम. जम्पर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर इस जटिल समस्या को हल किया, जो पिछले 50 वर्षों से अनसुलझी थी। इन वैज्ञानिकों ने यह समझने का प्रयास किया कि प्रोटीन किस प्रकार से उन विशिष्ट संरचनाओं में मुड़ते हैं जो उनके कार्यों को नियंत्रित करती हैं।
उन्होंने अल्फाफोल्ड2 नामक AI मॉडल विकसित किया, जो प्रोटीन के अमीनो एसिड अनुक्रमों के आधार पर प्रोटीन की संरचना का पूर्वानुमान लगा सकता है। अल्फाफोल्ड2 के साथ, वे 200 मिलियन से अधिक प्रोटीन की संरचनाओं का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम हुए हैं। यह उपलब्धि जीवन विज्ञान, चिकित्सा अनुसंधान और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुई है।
कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन:
प्रोटीन डिज़ाइन के क्षेत्र में, डेविड बेकर का काम उल्लेखनीय है। उन्होंने कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन की मदद से नए और अनूठे प्रोटीन बनाने की दिशा में नए आयाम खोले। उनके द्वारा विकसित किया गया रोसेटा नामक कंप्यूटर प्रोग्राम अमीनो एसिड अनुक्रम के आधार पर प्रोटीन संरचना का निर्माण करता है। इस तकनीक के जरिए वैज्ञानिक अब पूरी तरह से नए आकार और कार्य वाले प्रोटीन डिज़ाइन कर सकते हैं।
इस तकनीक से वैज्ञानिक अब नए कार्यों और संरचनाओं के साथ नए प्रोटीन डिज़ाइन कर सकते हैं, जो चिकित्सा, वैक्सीन, और नैनोमटेरियल के विकास में अत्यंत उपयोगी साबित हो रहे हैं। इसके अलावा, बेकर की इस खोज से प्लास्टिक विघटन जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के समाधान में भी महत्वपूर्ण योगदान मिल सकता है।
प्रोटीन के बारे में:
प्रोटीन जीवन के हर पहलू में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये अमीनो एसिड की लंबी श्रृंखलाओं से बने जटिल अणु होते हैं, जिन्हें पॉलीपेप्टाइड कहा जाता है। इन श्रृंखलाओं का अनुक्रम DNA द्वारा निर्धारित किया जाता है। प्रोटीन की संरचना यह तय करती है कि वह शरीर में किस प्रकार कार्य करेगा।
प्रोटीन न केवल शरीर के ऊतकों और अंगों की संरचना में सहायता करते हैं, बल्कि वे हार्मोन, एंटीबॉडी, और अन्य जैविक प्रक्रियाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनकी विशेष संरचना के कारण, प्रोटीन उन सभी रासायनिक अभिक्रियाओं को नियंत्रित करते हैं जो जीवन के लिए आवश्यक हैं।
निष्कर्ष:
2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रोटीन अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है। डेमिस हसबिस, जॉन एम. जम्पर, और डेविड बेकर की यह खोजें भविष्य के चिकित्सा विज्ञान और तकनीकी नवाचारों की नींव रख रही हैं। यह पुरस्कार उन वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो प्रोटीन की संरचना और डिज़ाइन को समझकर मानवता के लिए नए समाधान विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
यह शोध हमें दिखाता है कि प्रोटीन अनुसंधान का भविष्य कितना उज्ज्वल है, और यह विज्ञान के उन क्षेत्रों में से एक है, जो मानव जीवन की गुणवत्ता में व्यापक सुधार कर सकता है।
FAQs:
2024 का रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार किसे और किस क्षेत्र में दिया गया है?
2024 का रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार डेविड बेकर, डेमिस हसबिस, और जॉन एम. जम्पर को प्रोटीन अनुसंधान के लिए दिया गया है। यह पुरस्कार प्रोटीन संरचना के पूर्वानुमान और कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया है।
प्रोटीन संरचना का पूर्वानुमान (Protein Structure Prediction) क्या है?
प्रोटीन संरचना का पूर्वानुमान यह शोध करता है कि प्रोटीन किस प्रकार विशिष्ट आकृतियों में मुड़ते हैं, जो उनके कार्य का निर्धारण करती हैं। डेमिस हसबिस और जॉन जम्पर ने अल्फाफोल्ड2 नामक AI मॉडल का उपयोग करके प्रोटीन संरचना का पूर्वानुमान लगाया।
कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन क्या है?
कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन एक ऐसा क्षेत्र है जहां नए प्रोटीन की संरचना और कार्य को कम्प्यूटर प्रोग्राम द्वारा डिज़ाइन किया जाता है। डेविड बेकर ने रोसेटा प्रोग्राम का उपयोग करके नए प्रोटीन संरचनाओं को डिजाइन किया है, जिसका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन और अन्य नैनोमटेरियल्स में होता है।
प्रोटीन क्या होते हैं और उनका क्या महत्व है?
प्रोटीन जीवन की सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करते हैं। वे अमीनो एसिड की लंबी श्रृंखलाओं से बने होते हैं और शरीर के ऊतकों, अंगों, हार्मोन, एंटीबॉडी और कई अन्य जैविक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।