Non-Aligned Movement (NAM) Demands Removal of Cuba from “State Sponsors of Terrorism” List; गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) ने क्यूबा को “स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म” सूची से हटाने की मांग की:

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) ने हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका से मांग की है कि क्यूबा को “स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म” सूची से हटाया जाए। अमेरिका की इस सूची में वे देश शामिल हैं, जो कथित तौर पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को प्रायोजित कर रहे हैं। इस सूची में शामिल देशों को अमेरिका द्वारा लागू एकतरफा आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।

अमेरिका की ‘स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म’ सूची:

अमेरिका की ‘स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म’ सूची में क्यूबा के अलावा उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया भी शामिल हैं। इन देशों को आतंकवाद को समर्थन देने के आरोप में आर्थिक और वाणिज्यिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। क्यूबा को इस सूची से हटाने की NAM की मांग ग्लोबल साउथ के देशों के लिए इसके महत्त्व को दर्शाती है। यह मांग क्यूबा के आर्थिक विकास और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार के लिए आवश्यक है।

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की उत्पत्ति:

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की उत्पत्ति 1955 के एशिया-अफ्रीका सम्मेलन से मानी जाती है। यह सम्मेलन बांडुंग, इंडोनेशिया में आयोजित हुआ था। NAM का पहला सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड, वर्तमान सर्बिया में आयोजित किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया था। इस दौरान विश्व के कई देश अमेरिका और सोवियत संघ के नेतृत्व में अलग-अलग गुटों में बंट गए थे। हालांकि, भारत जैसे कुछ नव स्वतंत्र देशों ने किसी भी गुट में शामिल न होने का निश्चय किया। तब इन देशों ने मिलकर NAM की स्थापना की थी। इसका उद्देश्य एक नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था स्थापित करना था।

ग्लोबल साउथ के लिए NAM की वर्तमान प्रासंगिकता:

1. सामूहिक अभिव्यक्ति:
NAM के सभी 120 सदस्य ग्लोबल साउथ से हैं। यह मंच अलग-अलग मुद्दों पर इन देशों की आवाज के रूप में कार्य करता है। NAM के माध्यम से छोटे और विकासशील देशों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने का अवसर मिलता है।

2. नई शक्ति प्रतिस्पर्धा का विकल्प:
रूस-यूक्रेन युद्ध ने शीत युद्ध जैसी भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा पैदा कर दी है। इससे ग्लोबल साउथ के लिए गुटनिरपेक्षता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं। NAM देशों को किसी भी बड़ी शक्ति के प्रभाव में आए बिना अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का अवसर प्रदान करता है।

3. यथार्थवादी शासन-पद्धति पर बल:
NAM सदस्य देशों को निर्णय लेने में स्वायत्तता और अपने देश के सर्वोत्तम हितों में कार्य करने के लिए लचीलापन प्रदान करता है। इससे सदस्य देशों को बाहरी दबावों से मुक्त होकर अपने नागरिकों के लिए बेहतर नीति और योजनाएं बनाने का अवसर मिलता है।

आसियान, ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ और G77 जैसे समूह भी NAM के सदस्य देशों के प्रभुत्व वाले समूह हैं। इन समूहों ने NAM के कुछ एजेंडे अपनाए हैं, जैसे बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार की मांग करना। NAM की मांगें और प्रस्ताव विकासशील देशों के हितों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

Non-Aligned Movement (NAM) Demands Removal of Cuba from "State Sponsors of Terrorism" List

निष्कर्ष:

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) द्वारा क्यूबा को “स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म” सूची से हटाने की मांग ग्लोबल साउथ के देशों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह मांग न केवल क्यूबा के आर्थिक और वाणिज्यिक हितों की रक्षा करती है, बल्कि ग्लोबल साउथ के देशों की सामूहिक आवाज को भी मजबूत करती है। NAM के माध्यम से विकासशील देशों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और अपने हितों की रक्षा करने का सशक्त माध्यम मिलता है।

NAM की यह पहल वैश्विक शांति, सुरक्षा और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह सिद्ध होता है कि विकासशील देश भी अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए एकजुट होकर कार्य कर सकते हैं। क्यूबा को इस सूची से हटाने की मांग क्यूबा के विकास और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

FAQs:

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) क्या है?

गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) की उत्पत्ति 1955 के एशिया-अफ्रीका सम्मेलन से मानी जाती है। यह सम्मेलन बांडुंग, इंडोनेशिया में आयोजित हुआ था। NAM का पहला सम्मेलन 1961 में बेलग्रेड, वर्तमान सर्बिया में आयोजित किया गया था। इसका उद्देश्य एक नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था स्थापित करना था।

अमेरिका की ‘स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म’ सूची क्या है?

अमेरिका की ‘स्टेट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म’ सूची उन देशों को शामिल करती है, जो कथित तौर पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को प्रायोजित कर रहे हैं। इस सूची में शामिल देशों पर अमेरिका द्वारा आर्थिक, वाणिज्यिक और वित्तीय प्रतिबंध लगाए जाते हैं। क्यूबा के अलावा, उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया को भी इस सूची में शामिल किया गया है।

ग्लोबल साउथ के लिए NAM की क्या प्रासंगिकता है?

NAM ग्लोबल साउथ के देशों के लिए सामूहिक अभिव्यक्ति का मंच है। यह मंच ग्लोबल साउथ के देशों को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी आवाज उठाने और अपने हितों की रक्षा करने का अवसर प्रदान करता है।

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