प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जनवरी, 2024 को केरल के प्रसिद्ध गुरुवायूर मंदिर में दर्शन और पूजन किया। देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना के लिए उन्होंने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। भगवान कृष्ण के समक्ष किए गए उनके अनुष्ठान में भक्तों का जमघट लगा हुआ था।
दक्षिण भारत का द्वारका:
“दक्षिण भारत का द्वारका” के नाम से विख्यात गुरुवायूर मंदिर, भगवान विष्णु का पवित्र निवास है। हालांकि यहां भगवान गुरुवायूरप्पन की पूजा की जाती है, जो भगवान कृष्ण का बाल रूप माना जाता है। खड़ी मुद्रा में विराजमान अधिष्ठात्री देवता की मूर्ति पाताल अंजना नामक पत्थर से बनी है और उनके चार हाथ शंख, सुदर्शन चक्र, कमल और गदा धारण किए हुए हैं। मंदिर की संरचना इस तरह से की गई है कि सूर्य की पहली किरणें सीधे भगवान विष्णु के चरणों पर पड़ती हैं।
ऐतिहासिक महत्व:
गुरुवायूर मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी उल्लेखनीय है। 1931-32 में, केलप्पन (केरल गांधी) के नेतृत्व में अस्पृश्यता मिटाने के लिए किए गए “गुरुवायूर सत्याग्रह” ने अस्पृश्य समझी जाने वाली जातियों के मंदिर में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त किया था। 1936 में त्रावणकोर मंदिर में सभी जातियों के प्रवेश की घोषणा इस आंदोलन का ही परिणाम था।
अनायोत्तम:
हाथियों की दौड़ के लिए भी प्रसिद्ध, गुरुवायूर मंदिर सालाना होने वाले अनायोत्तम उत्सव के माध्यम से अपनी प्राचीन परंपरा को जीवित रखता है। प्रधानमंत्री के इस दौरे को केरल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से भी जोड़ा जा रहा है। हालांकि, राजनीतिक परिचर्चा से हटकर, गुरुवायूर मंदिर आस्था का केंद्र है। यह भगवान कृष्ण के 108 दिव्य देशों (स्थान) में से एक माना जाता है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
दर्शन और पूजन:
पीएम मोदी के मंदिर पहुंचने पर वहां भक्तों का भारी हुजूम उमड़ रहा था। उन्होंने मंदिर के पुजारियों से आशीर्वाद लिया और भगवान कृष्ण के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने विधि-विधान से पूजन किया और देश के कल्याण के लिए प्रार्थना की।
पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, “पवित्र गुरुवायूर मंदिर में प्रार्थना की। इस मंदिर की दिव्य ऊर्जा अपरम्पार है। मैंने कामना की कि हर भारतीय सुखी और समृद्ध रहे।”
प्रधानमंत्री के गुरुवायूर मंदिर में दर्शन और पूजन का कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह केरल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता को भी दर्शाता है। भाजपा ने हाल ही में हुए स्थानीय निकाय चुनावों में केरल में अच्छा प्रदर्शन किया था।
पीएम मोदी के गुरुवायूर मंदिर जाने से पहले कांग्रेस नेताओं ने उन पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी चुनाव के नजदीक आने पर ही मंदिरों में जाते हैं। हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस आरोप का खंडन किया है।
प्रधानमंत्री के गुरुवायूर मंदिर जाने से मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की भी उम्मीद थी।
मंदिर में आने वाले श्रद्धालु न केवल भगवान के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त करते हैं, बल्कि शांति और आत्मिक उन्नति की अनुभूति भी करते हैं। आध्यात्मिक अनुभव के अलावा, मंदिर का इतिहास और कलात्मकता आगंतुकों को आकर्षित करती है।
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