भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कही जाने वाली बैंकिंग प्रणाली की सुदृढ़ता और स्थिरता बनाए रखने के लिए समय-समय पर विभिन्न नियामक उपाय किए जाते हैं। इसी कड़ी में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में, 24 अप्रैल, 2024 को, परि संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset Reconstruction Companies – ARCs) के लिए व्यापक मास्टर निर्देश (Master Directions) जारी किए हैं। बैंकों और वित्तीय संस्थानों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPA) की बढ़ती समस्या और वित्तीय तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (Stressed Assets) के समाधान हेतु ARCs अहम भूमिका निभाती हैं। RBI के इन नए निर्देशों का उद्देश्य ARCs के वित्तीय स्वास्थ्य और परिचालन दक्षता को सुनिश्चित करना है।
मास्टर निर्देशों का उद्देश्य:
इन मास्टर निर्देशों का प्राथमिक उद्देश्य देश में ARCs के कार्य को विनियमित करना तथा बैंकिंग क्षेत्र और समग्र वित्तीय प्रणाली में स्थिरता लाना है। RBI ने इन निर्देशों को वित्तीय आस्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन (SARFAESI/ सरफेसी) अधिनियम, 2002 के तहत दी गई अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए जारी किया है।
क्या हैं परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां (ARCs)?
- सरफेसी अधिनियम के तहत कार्य: ARCs विशेष वित्तीय संस्थान हैं, जो सरफेसी अधिनियम 2002 (SARFAESI Act, 2002) के तहत कार्य करते हैं और RBI के द्वारा पंजीकृत होते हैं।
- NPA समाधान का माध्यम: इनका मुख्य कार्य बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के फंसे हुए कर्जों (NPA) या अशोध्य परिसंपत्तियों (Bad Assets) को खरीदना होता है। ये संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को खरीदकर बैंकों की बैलेंस शीट से बोझ कम करते हैं।
- केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषणा: केंद्रीय बजट 2021-22 में ARCs की स्थापना की घोषणा की गई थी।
ARCs कैसे काम करती हैं?
ARCs मूल रूप से बैंकों से उनकी खराब परिसंपत्तियों को मामूली छूट (Discount) पर खरीद लेती हैं और फिर इन परिसंपत्तियों की रिकवरी करके मुनाफा कमाती हैं। यह रिकवरी कई तरीकों से की जा सकती है:
- परिसंपत्ति का पुनर्गठन: ARC संबंधित कंपनी या व्यवसाय के साथ मिलकर उसके पुनरुद्धार की योजना बना सकती है ताकि भविष्य में आय बढ़े और ऋण चुकाया जा सके।
- ऋण की बिक्री: कुछ मामलों में, ARC इस खरीदे गए कर्ज को अन्य निवेशकों या संस्थानों को बेच सकता है।
- परिसंपत्ति की बिक्री: ARC, SARFAESI अधिनियम के प्रावधानों के तहत, ऋण से संबंधित गिरवी रखी गई संपत्ति को जब्त करके उसे बेच सकती है।
RBI के मास्टर निर्देशों के मुख्य प्रावधान:
RBI द्वारा जारी मास्टर निर्देशों में ARCs के लिए कई मानक निर्धारित किए गए हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर नज़र डालते हैं:
- पूंजी पर्याप्तता अनुपात (CAR): ARCs के लिए अपनी कुल जोखिम-भारित परिसंपत्तियों (Risk-weighted Assets) का न्यूनतम 15% पूंजी पर्याप्तता अनुपात के रूप में बनाए रखना अनिवार्य किया गया है। यह ARC की वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करता है।
- धन जुटाने के सीमित विकल्प: मास्टर निर्देश यह स्पष्ट करते हैं कि ARCs किसी भी प्रकार की जमा राशि जनता से स्वीकार नहीं कर सकती हैं। इससे निवेशक हितों की सुरक्षा होगी।
- निवेश की सीमा: ARCs को भूमि या भवन में सीधे निवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि, वे अपने स्वामित्व वाले फंड के अधिकतम 10% तक अपने उपयोग हेतु निवेश कर सकते हैं।
- अन्य प्रावधान: RBI के निर्देशों में ARC के शासन (Governance), जोखिम प्रबंधन (Risk Management), आंतरिक नियंत्रण (Internal Controls) आदि से संबंधित दिशा-निर्देश भी शामिल हैं।
ARCs का भारतीय वित्तीय प्रणाली में महत्व:
भारतीय वित्तीय प्रणाली में ARCs एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, विशेष रूप से बढ़ते NPA की समस्या के समाधान में। इनका महत्व इस प्रकार है:
- दबावग्रस्त परिसंपत्तियों का त्वरित समाधान: ARCs बैंकों से फंसे हुए कर्जों को खरीदकर उनके त्वरित समाधान में मदद करती हैं।
- NPA समस्या का समाधान: ARCs भारतीय बैंकों की NPA समस्या से निपटने में अहम भूमिका निभाती हैं। संकटग्रस्त परिसंपत्तियों को खरीदकर, ARC बैंकों को इन एनपीए के प्रावधान के बोझ से मुक्त करते हैं, जिससे बैंक की बैलेंस शीट स्वस्थ होती है।
- लिक्विडिटी में सुधार: अशोध्य परिसंपत्तियों की बिक्री से बैंक की तरलता (Liquidity) बढ़ती है और उन्हें नए कर्ज देने के लिए संसाधन प्राप्त होते हैं।
- बैंकों की ऋण क्षमता में वृद्धि: NPA बोझ कम होने से बैंक की ऋण देने की क्षमता बढ़ती है, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था को गति मिलती है।
- वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता: ARC, संकटग्रस्त परिसंपत्तियों का समाधान कर, वित्तीय क्षेत्र का स्वास्थ्य और स्थिरता बनाए रखने में योगदान देते हैं।
निष्कर्ष:
RBI द्वारा जारी मास्टर निर्देश ARCs को सुदृढ़ करते हुए निवेशक हितों की रक्षा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। ये निर्देश ARC को एक अधिक पारदर्शी और जवाबदेह तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे, जिससे समग्र वित्तीय प्रणाली मजबूत होगी।