Successful Flight of India’s First Indigenous Combat UAV FWD 200B; भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू मानव रहित विमान FWD 200B की सफल उड़ान:

भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। हाल ही में, बेंगलुरु स्थित फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (FWDA) कंपनी ने देश के पहले स्वदेशी मानव रहित लड़ाकू हवाई विमान (UCAV) की सफल उड़ान की घोषणा की। इस विमान का नाम FWD 200B रखा गया है। यह सफलता न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। इस लेख में हम FWD 200B की विशेषताओं, इसके महत्व, और भारतीय रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की पहल पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

FWD 200B: स्वदेशी तकनीक की एक मिसाल:

FWD 200B एक मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) वाला यूसीएवी है, जिसे विशेष रूप से लंबी दूरी के मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस विमान की विशेषताएं इसे भारत की रक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण उपकरण बनाती हैं।

  • वजन और पेलोड क्षमता:
  • अधिकतम टेक-ऑफ वजन: 102 किलोग्राम
  • पेलोड क्षमता: 30 किलोग्राम
    यह वजन और पेलोड क्षमता इसे हल्का और प्रभावी बनाती है, जिससे यह विभिन्न मिशनों में आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
  • लड़ाकू क्षमताएं:
    • निगरानी के लिए ऑप्टिकल पेलोड
    • हवाई हमलों और बमबारी के लिए मिसाइल जैसे हथियार
      FWD 200B की ये लड़ाकू क्षमताएं इसे युद्ध के समय में एक सटीक और घातक हथियार बनाती हैं।
    • उड़ान और गति:
    • क्रूज़ एल्टीट्यूड: 12,000 फीट
    • अधिकतम ऊंचाई: 15,000 फीट
    • क्रूज़ स्पीड: 152 किलोमीटर प्रति घंटा
    • अधिकतम गति: 250 किलोमीटर प्रति घंटा
      इन विशेषताओं के कारण यह विमान ऊँचाई और गति के मामले में अत्यधिक कुशल है, जिससे यह विभिन्न प्रकार के मिशनों के लिए आदर्श है।
    • लंबी दूरी के मिशन:
    • उड़ान अवधि: 7 घंटे तक
    • उड़ान दूरी: 800 किलोमीटर तक
      इसकी लंबी उड़ान अवधि और दूरी इसे रणनीतिक मिशनों के लिए अत्यधिक उपयोगी बनाती है, जो लंबे समय तक निगरानी और हमले के लिए आवश्यक होते हैं।
    • छोटे रनवे के लिए आदर्श:
    • उड़ान भरने के लिए केवल 300 मीटर के रनवे की आवश्यकता
      यह विशेषता FWD 200B को किसी भी छोटे और तंग जगह से उड़ान भरने में सक्षम बनाती है, जिससे यह दुर्गम क्षेत्रों में भी उपयोगी हो जाता है।

    भारतीय रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की पहल:

    भारत सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों के तहत रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। इन पहलों का उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादन और तकनीकी नवाचार में आत्मनिर्भर बनाना है।

    1. रक्षा उत्पादन एवं निर्यात प्रोत्साहन नीति:
      यह नीति भारत को एक वैश्विक रक्षा उत्पादन केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। इसका उद्देश्य न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि रक्षा उपकरणों और तकनीकों के निर्यात को भी प्रोत्साहित करना है।
    2. Innovations for Defence Excellence (iDEX):
      iDEX पहल का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में नए विचारों और नवाचारों को बढ़ावा देना है। यह स्टार्टअप्स और छोटे-मध्यम आकार के उद्यमों को अपने नए विचारों और प्रौद्योगिकियों के साथ सामने आने के लिए प्रोत्साहित करता है।
    3. रणनीतिक साझेदारी मॉडल:
      इसके तहत भारत के निजी क्षेत्र और वैश्विक मूल उपकरण विनिर्माताओं (OEMs) के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह मॉडल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर रहा है।
    4. FDI की सीमा में वृद्धि:
      रक्षा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को स्वचालित मार्ग से 74% और सरकारी मार्ग से 100% तक बढ़ाया गया है। यह कदम भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने और रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
    5. रक्षा औद्योगिक गलियारा:
      देश के विभिन्न हिस्सों में रक्षा उत्पादन के लिए औद्योगिक गलियारों की स्थापना की जा रही है। इन गलियारों का उद्देश्य रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना और इसे अधिक संगठित बनाना है।

    निष्कर्ष:

    FWD 200B की सफलता भारत के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण के महत्व को रेखांकित करती है। यह विमान न केवल भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की रक्षा क्षमताओं को प्रदर्शित करेगा। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने भारत को रक्षा तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है, जो आने वाले समय में और भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

    इस सफलता ने भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि वैश्विक रक्षा मंच पर भी उसकी उपस्थिति को मजबूत किया है। आने वाले वर्षों में, FWD 200B जैसे स्वदेशी उपकरण भारत की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, जिससे देश की सुरक्षा और समृद्धि सुनिश्चित होगी।

    FAQs:

    भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू मानव रहित विमान कौन सा है?

    भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू मानव रहित विमान (UCAV) FWD 200B है, जिसे बेंगलुरु स्थित फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस (FWDA) कंपनी द्वारा विकसित किया गया है।

    FWD 200B की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

    FWD 200B एक मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) यूसीएवी है। इसमें 102 किलोग्राम का अधिकतम टेक-ऑफ वजन और 30 किलोग्राम की पेलोड क्षमता है। यह 12,000 फीट की क्रूज़ एल्टीट्यूड और 15,000 फीट की अधिकतम ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसकी क्रूज़ स्पीड 152 कि.मी. प्रति घंटा है और यह 250 कि.मी. प्रति घंटा की अधिकतम गति तक पहुंच सकता है।

    FWD 200B का उपयोग किस प्रकार के मिशनों में किया जा सकता है?

    FWD 200B को लंबी दूरी के निगरानी और लड़ाकू मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी लड़ाकू क्षमताओं में निगरानी के लिए ऑप्टिकल पेलोड और हवाई हमलों एवं बमबारी के लिए मिसाइल शामिल हैं।

    FWD 200B को उड़ान भरने के लिए कितने मीटर रनवे की आवश्यकता होती है?

    FWD 200B को उड़ान भरने के लिए केवल 300 मीटर के रनवे की आवश्यकता होती है, जिससे यह दुर्गम और छोटे क्षेत्रों में भी उपयोगी है।

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