The World Economic Forum (WEF)’s Center for the Fourth Industrial Revolution (C4IR) focused on healthcare was inaugurated in Hyderabad; विश्व आर्थिक मंच (WEF) का स्वास्थ्य सेवाओं पर केंद्रित ‘चौथी औद्योगिक क्रांति केंद्र’ (C4IR) का हैदराबाद में उद्घाटन किया गया:

विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने भारत में अपना नया ‘चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र’ (C4IR) खोला है। हैदराबाद में स्थित यह केंद्र स्वास्थ्य देखभाल और जीवन विज्ञान (लाइफ साइंस) के क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव लाने पर विशेष रूप से केंद्रित होगा। बायो एशिया-2024 के दौरान इसका उद्घाटन किया गया, जो बायो एशिया का 21वां संस्करण है। बायोएशिया एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार सम्मेलन है, जिसे भारत सरकार, तेलंगाना सरकार, और फेडरेशन ऑफ एशियन बायोटेक एसोसिएशन (FABA) मिलकर आयोजित करते हैं।

क्या है C4IR की पहल?

चौथी औद्योगिक क्रांति केंद्र (C4IR) विश्व आर्थिक मंच (WEF) द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य उभरती हुई तकनीकों का उपयोग करके उद्योगों, अर्थव्यवस्थाओं और सामाजिक क्षेत्रों में न्यायसंगत और मानव-केंद्रित परिवर्तन लाना है। यह केंद्र विभिन्न हितधारकों, जैसे सरकारों, उद्योगों, शिक्षाविदों और नागरिक समाज संगठनों को एक साथ लाकर काम करता है। C4IR इन हितधारकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है ताकि वे उभरती हुई तकनीकों से जुड़ी चुनौतियों और अवसरों का सामना कर सकें।

हैदराबाद C4IR की विशेषताएं

  • स्वास्थ्य देखभाल और जीवन विज्ञान (लाइफ साइंस) क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाला यह C4IR दुनिया में अपनी तरह का पहला केंद्र है।
  • यह सुविधा सरकार, उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज के बीच सहयोग को बढ़ाएगी।
  • स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस केंद्र का लक्ष्य है नई खोजों और अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
  • इस उद्घाटन से भारत को स्वास्थ्य देखभाल और लाइफ साइंस के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित होने में मदद मिलेगी।

चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) क्या है?

चौथी औद्योगिक क्रांति को इंडस्ट्री 4.0 भी कहा जाता है। यह हमारी तकनीकी क्षमताओं में हुए उन उन्नत बदलावों को दर्शाता है जो हमारे जीने के तरीकों को बदल रहे हैं। इसमें जिन प्रमुख तकनीकों का उपयोग हो रहा है, उनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता), एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), इत्यादि शामिल हैं।

इसे “स्मार्ट फैक्टरीज़” का युग भी कहा जाता है, जहां साइबर-फिजिकल सिस्टम का गहन उपयोग होता है। इन फैक्ट्रियों/प्रणालियों में भौतिक जगत और डिजिटल जगत के बीच का अंतर बहुत कम रह जाता है, जिससे कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।

स्वास्थ्य देखभाल और जीवन विज्ञान में 4IR का प्रभाव

भारत की विशाल जनसंख्या स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के मामले में कई चुनौतियों का सामना करती है. सीमित संसाधन, विशेषज्ञों की कमी, और चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंच में विषमताएं कुछ प्रमुख समस्याएं हैं. चौथी औद्योगिक क्रांति से प्रभावित होकर बनने वाले C4IR केन्द्रों से इन चुनौतियों से निपटने में मदद मिलने की उम्मीद है।

  • टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूरदराज़ के इलाकों की सेवा: 4IR की तकनीक का उपयोग करते हुए भारत के ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में रहने वालों को विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाें टेलीमेडिसिन के ज़रिए उपलब्ध कराई जा सकती हैं। इससे वह स्वास्थ्य असामनताएं कम होंगी जो सुविधाओं की पहुंच में भौगोलिक अंतर के कारण हैं।
  • रोगों के पूर्वानुमान में मदद: भारत में C4IR की एक महत्वपूर्ण भूमिका रोगों का पहले से अनुमान लगाने में हो सकती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाले एल्गोरिद्म्स, डेटा विश्लेषण और IoT सम्बंधित उपकरण बीमारी के लक्षणों का पता लगने से पहले ही पहचान करने में सहायक होंगे। इससे रोकथाम आधारित इलाज पर ज़ोर दिया जा सकेगा।
  • भारत की जैवप्रौद्योगिकी क्षमताओं को बढ़ावा: भारत पहले से ही जेनेरिक दवाइयों के निर्माण में एक बड़ी शक्ति है। 4IR केंद्र के बनने से भारत की शोध क्षमता बढ़ेगी जिससे नई और और बेहतर दवाइओं के विकास में मदद मिलेगी। इससे बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत का वैश्विक नेतृत्व और मज़बूत होगा।
  • वियरेबल डिवाइसेस: पहनने योग्य उपकरणों (वियरेबल्स) के ज़रिए स्वास्थ्य संबंधी विकारों के लक्षणों को आसानी से मॉनिटर, रिकॉर्ड, और विज़ुअलाइज़ किया जा सकता है। यह जानकारी स्वास्थ्य केंद्रों से साझा की जा सकती है।
  • तथ्यों पर आधारित चिकित्सा: हेल्थ प्रोफाइलिंग और क्लीनिकल रजिस्ट्रियों की मदद से डॉक्टर्स के लिए तथ्यों पर आधारित निर्णय लेना और व्यक्तिगत चिकित्सा के विकल्पों का विकास करना आसान हो जाता है।
  • सटीक दवा और लक्षित उपचार: 4IR की उन्नत तकनीकें शरीर के लक्षित अंगों तक बीमारी-विशेष दवाइयों के सही डोज़ को पहुंचाने के साथ रोग के सटीक इलाज को संभव बनाती हैं।

चुनौतियां

भले ही चौथी औद्योगिक क्रांति बड़े वादे लेकर आती है, इसके सामने स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में कुछ चुनौतियां भी हैं:

  • एकीकृत डेटा की कमी: कई बार मरीज़ का स्वास्थ्य डेटा अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों में बिखरा होता है, जिससे डॉक्टर्स के लिए जानकारी का एकत्रीकरण मुश्किल हो जाता है।
  • कुशल कर्मियों की आवश्यकता: नए सिस्टम के अनुसार काम करने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों का होना बहुत ज़रूरी है।
  • निजता का जोखिम: व्यक्तियों के स्वास्थ्य डेटा के एकत्रीकरण और उपयोग से उनकी निजता का हनन हो सकता है।
  • साइबर हमलों का बढ़ता खतरा: इन जटिल सिस्टम पर साइबर हमले एक बड़ी समस्या बन सकते हैं।
  • नैतिक चिंताएं: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और अन्य तकनीकों का स्वास्थ्य में इस्तेमाल कई नई नैतिक चुनौतियां सामने रखता है।

भारत में 4IR पर अन्य केंद्र

महाराष्ट्र में भारत सरकार के नीति आयोग के द्वारा C4IR (INDIA) केंद्र की स्थापना पहले ही की जा चुकी है। चौथी औद्योगिक क्रांति से पहले हम तीन क्रांतियों से गुज़र चुके हैं जो इस प्रकार हैं:

क्रांतिविशेषताएं
पहली औद्योगिक क्रांतिभाप और पानी की शक्ति से चलने वाली मशीनों का विकास
दूसरी औद्योगिक क्रांतिबड़े पैमाने पर उत्पादन और विद्युत ऊर्जा का उपयोग
तीसरी औद्योगिक क्रांतिइलेक्ट्रॉनिक्स, IT और ऑटोमेशन का बढ़ता उपयोग
चौथी औद्योगिक क्रांतिसाइबर और भौतिक जगत का अभूतपूर्व सम्मिश्रण

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