Toxic Liquor in Tamil Nadu Claims Over 60 Lives: A Serious Issue; तमिलनाडु में जहरीली शराब से 60 से अधिक लोगों की मौत: एक गंभीर समस्या

तमिलनाडु में जहरीली शराब (हूच) पीने से 60 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है, जो एक बेहद दुखद और चिंताजनक घटना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन मौतों की वजह शराब में मेथेनॉल (मिथाइल अल्कोहल) की मिलावट थी। “हूच” शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर घटिया गुणवत्ता वाली शराब के लिए किया जाता है, जिसमें कभी-कभी एथेनॉल के साथ मेथेनॉल भी मिला दिया जाता है। मेथेनॉल का उपयोग आमतौर पर औद्योगिक गतिविधियों में किया जाता है और यह मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो सकता है।

मेथेनॉल (CH3OH) के बारे में:

मेथेनॉल की विशेषताएं:

  • इसे वुड अल्कोहल या स्पिरिट भी कहा जाता है।
  • यह एक रंगहीन और काफी वाष्पशील तरल है, जिसमें हल्की मीठी तीखी गंध होती है।
  • यह जल में पूरी तरह से घुलनशील होता है और यह एक एंटीफ्रीज एजेंट है, जो पानी को जमने से रोकता है।

मेथेनॉल का निर्माण:

  • इसे पारंपरिक रूप से लकड़ी के भंजक आसवन (Destructive distillation) द्वारा उत्पादित किया जाता है।
  • मेथेनॉल तैयार करने की आधुनिक विधि बायोमास या अन्य स्रोतों से प्राप्त सिंथेसिस गैस या सिनगैस पर आधारित है, जिसमें हाइड्रोजन और कार्बन मोनोऑक्साइड का मिश्रण होता है।

मेथेनॉल के उपयोग:

  • पेंट, वार्निश और मुख्य रूप से फॉर्मल्डेहाइड बनाने के लिए विलायक के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • इसे बायोडिग्रेडेबल ऊर्जा संसाधन के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

मेथेनॉल के प्रभाव:

  • मेथेनॉल की थोड़ी मात्रा का सेवन भी अंधेपन का कारण बन सकता है।
  • इसके अधिक मात्रा में सेवन से मृत्यु भी हो सकती है।

विनियामक फ्रेमवर्क:

खाद्य सुरक्षा और मानक (मादक पेय पदार्थ) विनियम, 2018:
इसके तहत शराब में मेथेनॉल की अधिकतम स्वीकार्य मात्रा निर्धारित की गई है।

खतरनाक रसायन का निर्माण, भंडारण और आयात नियम, 1989:
यह नियम मेथेनॉल के निर्माण और भंडारण को नियंत्रित करता है।

कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने शराब (मिथाइल अल्कोहल सहित) की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जैसे बिहार, गुजरात आदि। इन कानूनों का उद्देश्य जहरीली शराब के सेवन से होने वाली मौतों को रोकना है।

जहरीली शराब की घटनाओं से बचने के उपाय:

  1. कठोर कानून: केंद्र सरकार को जहरीली शराब पीने से होने वाली मौतों को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है।
  2. सख्त निगरानी: विष अधिनियम, 1919 जैसे कानूनों के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में मेथेनॉल की आपूर्ति की कड़ी निगरानी की जानी चाहिए।
  3. जागरूकता फैलाना: समाज में अवैध शराब और मेथेनॉल की मिलावट के खतरों के बारे में जागरूकता फैलाना महत्वपूर्ण है।
  4. अवैध शराब के उत्पादन पर रोक: अवैध शराब के उत्पादन और वितरण को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
  5. स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता: जहरीली शराब के सेवन से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

इथेनॉल (C2H5OH) के बारे में:

इथेनॉल का निर्माण:

  • इथेनॉल को किण्वन द्वारा व्यावसायिक रूप से प्राप्त किया जाता है। सबसे पुरानी विधि के तहत इसे शर्करा से प्राप्त किया जाता है।
  • यह एक रंगहीन तरल है, जिसका उपयोग पेंट निर्माण उद्योग में विलायक के रूप में और कई कार्बन यौगिकों के निर्माण में किया जाता है।
  • इसे अक्षय ऊर्जा ईंधन स्रोत के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

इथेनॉल के प्रभाव:

  • इथेनॉल का सेवन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। सामान्य मात्रा में इसका सेवन हमारे विवेक और हमारी अभिव्यक्ति को प्रभावित करता है।

निष्कर्ष:

तमिलनाडु में जहरीली शराब से हुई मौतें अत्यंत दुखद और चिंताजनक हैं। मेथेनॉल की मिलावट से होने वाली इन घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून और सख्त निगरानी की आवश्यकता है। समाज में जागरूकता फैलाना और अवैध शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकना महत्वपूर्ण है ताकि इस तरह की त्रासदियों को रोका जा सके। इसके अलावा, सरकार और संबंधित एजेंसियों को मिलकर काम करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें और लोगों की जान बचाई जा सके।

तमिलनाडु में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले ने एक बार फिर अवैध शराब की समस्या को उजागर किया है। यह आवश्यक है कि हम इस गंभीर समस्या का समाधान निकालें और समाज को सुरक्षित बनाने की दिशा में मिलकर काम करें। जागरूकता, कड़े कानून, और सख्त निगरानी से ही हम इस समस्या से निजात पा सकते हैं।

FAQs:

“हूच” क्या है?

“हूच” घटिया गुणवत्ता वाली शराब के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जिसमें कभी-कभी एथेनॉल के साथ-साथ मेथेनॉल भी मिलाया जाता है।

मेथेनॉल क्या है और यह कैसे हानिकारक है?

मेथेनॉल एक औद्योगिक अल्कोहल है, जिसे वुड अल्कोहल या स्पिरिट भी कहा जाता है। इसका सेवन अंधेपन का कारण बन सकता है और अधिक मात्रा में सेवन से मृत्यु भी हो सकती है।

मेथेनॉल का मुख्य उपयोग क्या है?

मेथेनॉल का उपयोग पेंट, वार्निश, फॉर्मल्डेहाइड बनाने के लिए विलायक के रूप में और बायोडिग्रेडेबल ऊर्जा संसाधन के रूप में किया जाता है।

अवैध शराब की घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?

अवैध शराब की घटनाओं को रोकने के लिए कठोर कानून बनाना, सख्त निगरानी, जागरूकता फैलाना, अवैध शराब के उत्पादन पर रोक और उचित स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

कौन-कौन से राज्य शराब की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लगा चुके हैं?

बिहार और गुजरात जैसे राज्यों ने शराब (मिथाइल अल्कोहल सहित) की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इथेनॉल क्या है और इसके क्या उपयोग हैं?

इथेनॉल एक रंगहीन तरल है, जिसे किण्वन द्वारा व्यावसायिक रूप से प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग पेंट निर्माण उद्योग में विलायक के रूप में और कई कार्बन यौगिकों के निर्माण में किया जाता है। इसे अक्षय ऊर्जा ईंधन स्रोत के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

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