UNESCO’s Green Education Initiative: Building a New Educational System; यूनेस्को की ग्रीन एजुकेशन पहल: नई शिक्षा प्रणाली का निर्माण

यूनेस्को ने ग्रीनिंग एजुकेशन पार्टनरशिप के तहत शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा की ओर कदम बढ़ाते हुए दो महत्वपूर्ण टूल्स जारी किए हैं। ये टूल्स हैं – न्यू ग्रीनिंग करिकुलम गाइडेंस (GCG) और न्यू ग्रीन स्कूल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (GSQS)। इस पहल का उद्देश्य वैश्विक शिक्षा प्रणाली में हरित प्रथाओं को एकीकृत करना और छात्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाना है।

न्यू GCG (Green Curriculum Guidance):

यह एक व्यावहारिक मैनुअल है, जो इस बात की सामान्य समझ प्रदान करता है कि जलवायु शिक्षा में पहली बार क्या शामिल होना चाहिए। इसके माध्यम से, देश व्यापक अपेक्षित लर्निंग आउटकम्स के साथ पर्यावरणीय विषयों को मुख्यधारा वाले पाठ्यक्रमों में सम्मिलित कर सकते हैं। यह मैनुअल शिक्षकों और शिक्षा नीति निर्माताओं के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जिससे वे अपने छात्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और समाधान के बारे में शिक्षित कर सकें।

न्यू GSQS (Green School Quality Standards):

यह एक कार्यवाही-उन्मुख दृष्टिकोण को बढ़ावा देकर ग्रीन स्कूल बनाने के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं निर्धारित करता है। इसका उद्देश्य स्कूलों को ऐसे मानकों पर खरा उतारना है, जो उन्हें पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार और टिकाऊ बनाते हैं। यह टूल स्कूलों को हरित मान्यता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कदमों को स्पष्ट करता है, जिससे वे अपने परिचालन और शिक्षा प्रणाली में हरित प्रथाओं को एकीकृत कर सकें।

ग्रीनिंग एजुकेशन पार्टनरशिप के बारे में:

ग्रीनिंग एजुकेशन पार्टनरशिप 80 सदस्य देशों की एक वैश्विक पहल है, जो शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका का उपयोग करते हुए जलवायु संकट से निपटने के लिए देशों का समर्थन करती है। इस पहल के माध्यम से, यूनेस्को शिक्षा को एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में प्रयोग करते हुए सतत विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्रोत्साहित कर रहा है।

इसका मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सतत विकास को प्रोत्साहित करना है। न्यू ग्रीनिंग करिकुलम गाइडेंस और न्यू ग्रीन स्कूल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स जैसे टूल्स का उद्देश्य शिक्षकों, छात्रों और समुदायों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल और दृष्टिकोण प्रदान करना है।

ग्रीन एजुकेशन के स्तंभ:

ग्रीनिंग स्कूल्स: यह सुनिश्चित करना कि सभी स्कूल ग्रीन स्कूल मान्यता प्राप्त करें। साथ ही, शिक्षण, सुविधाओं और परिचालन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन का समाधान करें। इसका मतलब है कि स्कूलों को अपने भवनों, ऊर्जा उपयोग, जल प्रबंधन और अपशिष्ट निपटान में हरित प्रथाओं को अपनाना चाहिए।

ग्रीनिंग करिकुलम: जलवायु शिक्षा को विद्यालय पाठ्यक्रम, तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण, कार्यस्थल कौशल विकास आदि में शामिल किया जाना चाहिए। यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को उनकी शिक्षा के हर स्तर पर जलवायु और पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में ज्ञान प्राप्त हो।

शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रणालियों की क्षमता की ग्रीनिंग: विद्यालय के क्षमता निर्माण में जलवायु शिक्षा का एकीकरण। शिक्षकों को जलवायु शिक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करना, ताकि वे अपने छात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकें।

समुदायों की ग्रीनिंग: सामुदायिक लर्निंग केंद्रों और लर्निंग सिटीज के माध्यम से सामुदायिक लचीलेपन को मजबूत करना चाहिए। इसका मतलब है कि समुदायों को भी जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक बनाना और उन्हें टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना।

शिक्षा और जलवायु परिवर्तन:

यूनेस्को के एक हालिया सर्वेक्षण से पता चला है कि सर्वेक्षण किए गए 100 देशों में से आधे देशों में पाठ्यक्रमों में जलवायु परिवर्तन का कोई उल्लेख नहीं है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि जलवायु शिक्षा के बिना, युवा पीढ़ी को जलवायु संकट के बारे में पर्याप्त जानकारी और समाधान प्राप्त नहीं हो पाता है।

लगभग 70 प्रतिशत युवा जलवायु से संबंधित अवरोधों या बदलावों (Climate Disruption) को परिभाषित नहीं कर सकते। इसका मतलब है कि हमें शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव की आवश्यकता है ताकि छात्रों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और समाधानों के बारे में बेहतर जानकारी मिल सके।

शिक्षा के उच्च स्तर से अनुकूलन कार्यवाही में शामिल होने की उच्च संभावना होती है। इसका अर्थ है कि जिन लोगों की शिक्षा उच्च स्तर की होती है, वे जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्यवाही करने में अधिक सक्षम होते हैं।

लड़कियों की शिक्षा बढ़ाने से अप्रत्यक्ष रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लड़कियों की शिक्षा में वृद्धि से जनसांख्यिकीय विकास पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है, जो जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायक हो सकता है।

निष्कर्ष:

यूनेस्को द्वारा शुरू की गई ग्रीनिंग एजुकेशन पहल एक महत्वपूर्ण कदम है जो शिक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता और समाधान को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। न्यू ग्रीनिंग करिकुलम गाइडेंस और न्यू ग्रीन स्कूल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स जैसे टूल्स का उपयोग करके, शिक्षा प्रणाली को पर्यावरणीय विषयों के साथ अधिक समृद्ध और प्रासंगिक बनाया जा सकता है। इससे न केवल शिक्षार्थियों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जा सकेगा, बल्कि उन्हें इसके समाधान के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल भी प्रदान किया जाएगा।

यूनेस्को की यह पहल दुनिया भर के देशों को प्रेरित करेगी कि वे अपने शिक्षा प्रणालियों में हरित प्रथाओं को अपनाएं और आने वाली पीढ़ियों को एक स्थायी और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएं।

FAQs:

यूनेस्को की ग्रीनिंग एजुकेशन पहल क्या है?

यूनेस्को की ग्रीनिंग एजुकेशन पहल एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से जलवायु संकट से निपटने के लिए देशों का समर्थन करना है। इसमें 80 सदस्य देश शामिल हैं और यह पहल ग्रीनिंग करिकुलम और ग्रीन स्कूल्स जैसी विभिन्न रणनीतियों को अपनाती है।

न्यू ग्रीनिंग करिकुलम गाइडेंस (GCG) क्या है?

न्यू ग्रीनिंग करिकुलम गाइडेंस (GCG) एक व्यावहारिक मैनुअल है जो जलवायु शिक्षा में पहली बार शामिल किए जाने वाले विषयों की सामान्य समझ प्रदान करता है। यह शिक्षकों और नीति निर्माताओं को पर्यावरणीय विषयों को मुख्यधारा के पाठ्यक्रमों में शामिल करने में मदद करता है।

न्यू ग्रीन स्कूल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (GSQS) क्या है?

न्यू ग्रीन स्कूल क्वालिटी स्टैंडर्ड्स (GSQS) एक कार्यवाही-उन्मुख दृष्टिकोण को बढ़ावा देकर ग्रीन स्कूल बनाने के लिए न्यूनतम आवश्यकताएं निर्धारित करता है। इसका उद्देश्य स्कूलों को पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदार और टिकाऊ बनाना है।

ग्रीन एजुकेशन के चार स्तंभ क्या हैं?

ग्रीन एजुकेशन के चार स्तंभ हैं:
ग्रीनिंग स्कूल्स
ग्रीनिंग करिकुलम
शिक्षक प्रशिक्षण और शिक्षा प्रणालियों की क्षमता की ग्रीनिंग
समुदायों की ग्रीनिंग

लड़कियों की शिक्षा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कैसे कम कर सकती है?

लड़कियों की शिक्षा बढ़ाने से जनसांख्यिकीय विकास पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है, जो अप्रत्यक्ष रूप से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम कर सकता है। शिक्षित लड़कियां और महिलाएं अधिक जागरूक और सतत विकास के प्रति संवेदनशील होती हैं।

ग्रीनिंग एजुकेशन पार्टनरशिप कैसे काम करती है?

ग्रीनिंग एजुकेशन पार्टनरशिप विभिन्न देशों को उनके शिक्षा प्रणाली में हरित प्रथाओं को अपनाने और जलवायु शिक्षा को मुख्यधारा में लाने के लिए समर्थन और संसाधन प्रदान करती है। यह साझेदारी वैश्विक स्तर पर शिक्षा के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के समाधान को बढ़ावा देती है।

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