Union Budget 2024-25: Special Focus on Employment, Skills, and MSME Sector; केंद्रीय बजट 2024-25: रोजगार, कौशल और MSME सेक्टर पर विशेष ध्यान:

इस वर्ष के बजट में रोजगार, कौशल, MSME सेक्टर और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है। केंद्रीय बजट संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार प्रस्तुत किया जाता है। इस अनुच्छेद में बजट के लिए ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ शब्दावली का उपयोग किया गया है।

केंद्रीय बजट 2024-25 की मुख्य विशेषताएं:

केंद्रीय बजट 2024-25 की मुख्य विशेषताओं पर एक नजर डालते हैं:

1. रोजगार और कौशल विकास:

अगले पांच साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री पैकेज के तहत 5 योजनाओं एवं पहलों की घोषणा की गई है। इस पहल का उद्देश्य युवाओं को सक्षम बनाना और देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

2. कर प्रोत्साहन:

अलग-अलग क्षेत्रकों के लिए प्रशुल्क के स्तर पर राहतों की घोषणा की गई है। इनका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, स्थानीय मूल्य संवर्धन को मजबूत करना, भारत के निर्यात को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाना और कर व्यवस्था को आसान बनाना है।

3. नई कर प्रणाली:

न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में संशोधन किए गए हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है। कुछ प्रकार के भुगतान और ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर TDS दर कम की गई है। इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और उनका कर भार कम होगा।

4. पूंजीगत लाभ कर:

वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर बढ़ाकर क्रमशः 20% तथा 12.5% कर दिया गया है। चुनिंदा वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) की छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।

5. विवाद से विश्वास योजना:

आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 का प्रस्ताव किया गया है। इस योजना का उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना और लंबित कर विवादों का समाधान करना है।

6. कॉर्पोरेट कर में कटौती:

विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40% से घटाकर 35% कर दी गई है। इससे विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा और देश में निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

7. प्रतिभूतियों पर कर:

प्रतिभूतियों के फ्यूचर और ऑप्शन पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) को बढ़ा दिया गया है।

8. एक्वालाइज़ेशन लेवी:

2% की एक्वालाइज़ेशन लेवी को वापस ले लिया गया है। यह कदम डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास को प्रोत्साहित करेगा और विदेशी कंपनियों के लिए भारत में व्यापार को आसान बनाएगा।

एक्वालाइज़ेशन लेवी (Equalization Levy), जिसे आमतौर पर 'गूगल टैक्स' भी कहा जाता है, एक कर है जिसे 2016 में भारत सरकार द्वारा पेश किया गया था। इसका उद्देश्य उन विदेशी डिजिटल कंपनियों से कर वसूलना था जो भारतीय बाजार में विज्ञापन सेवाएं प्रदान करती हैं। 2020 में, इस लेवी का विस्तार किया गया और इसे ई-कॉमर्स सप्लाई और सेवाओं पर भी लागू किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य डिजिटल अर्थव्यवस्था में विदेशी कंपनियों द्वारा उत्पन्न राजस्व पर कर लगाना था।

9. बेनामी लेन-देन:

बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988 के तहत दोषसिद्धि में सुधार के लिए पूर्ण और सत्य जानकारी देने पर बेनामीदार को दंड व अभियोजन से छूट दी गई है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा।

प्रधानमंत्री पैकेज की पांच योजनाओं के बारे में:

रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं

योजना A: पहली बार काम करने वाले युवाओं के लिए (फर्स्ट टाइम एम्प्लॉई)

  1. सभी औपचारिक क्षेत्रों में कार्यबल का हिस्सा बनने वाले सभी नए व्यक्तियों को एक महीने का पारिश्रमिक दिया जाएगा।
  2. पात्रता सीमा: प्रतिमाह अधिकतम एक लाख रुपये का वेतन होना चाहिए।
  3. लाभ: पहली बार नियुक्ति प्राप्त करने वाले कर्मचारियों को एक महीने का वेतन 15,000 रुपये तक प्रत्यक्ष बैंक अंतररण (DBT) के जरिए तीन किश्तों में दिया जाएगा।

योजना B: विनिर्माण क्षेत्रक में रोजगार सृजन

  1. यह योजना विनिर्माण क्षेत्रक में फर्स्ट टाइम एम्प्लॉई के लिए है।
  2. पहले 4 वर्षों में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में अंशदान के लिए कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

योजना C: नियोक्ताओं को सहायता

  1. सरकार सभी नए कर्मचारियों के लिए 2 साल तक नियोक्ताओं के 3000 रुपये प्रतिमाह तक के EPFO अंशदान अपनी ओर से प्रदान करेगी।
  2. इस योजना में सभी क्षेत्रों में 1 लाख रुपये प्रति माह तक के वेतन वाले सभी अतिरिक्त नियोजनों को कवर किया जाएगा।

कौशल कार्यक्रमचौथी योजना

  1. यह योजना राज्य सरकारों और उद्योगों के सहयोग से कौशल विकास के लिए नई केंद्र प्रायोजित योजना है।
  2. इसके तहत 5 साल की अवधि में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
  3. 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को हब एवं स्पोक मॉडल में परिणाम आधारित संस्थान के रूप में अपग्रेड किया जाएगा।

इंटर्नशिप के अवसरपांचवीं योजना

  1. यह योजना 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की व्यापक योजना है।
  2. इंटर्नशिप प्राप्त करने वालों को 5,000 रुपये का मासिक भत्ता और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान की जाएगी।

निष्कर्ष:

केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार, कौशल विकास, MSME सेक्टर और मध्यम वर्ग के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं। बजट का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना, कर व्यवस्था को सरल बनाना और आर्थिक विकास को गति देना है। नए कर प्रावधानों और योजनाओं के माध्यम से सरकार ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है।

इस बजट से उम्मीद की जाती है कि यह देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा। बजट की विभिन्न पहलों और योजनाओं का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना है। सरकार के इन कदमों से देश में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, करदाताओं को राहत मिलेगी और आर्थिक संरचना में सुधार होगा।

FAQs:

केंद्रीय बजट 2024-25 में मुख्य रूप से किन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है?

केंद्रीय बजट 2024-25 में मुख्य रूप से रोजगार, कौशल विकास, MSME सेक्टर, और मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, कृषि, शहरी विकास, और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।

केंद्रीय बजट 2024-25 में रोजगार और कौशल विकास के लिए क्या योजनाएं हैं?

अगले पांच साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधान मंत्री पैकेज के तहत 5 योजनाओं एवं पहलों की घोषणा की गई है। इसका उद्देश्य युवाओं को सक्षम बनाना और देश के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

नई कर प्रणाली में क्या बदलाव किए गए हैं?

न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में संशोधन किए गए हैं। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये कर दिया गया है।

पूंजीगत लाभ कर में क्या बदलाव किए गए हैं?

वित्तीय परिसंपत्तियों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर बढ़ाकर क्रमशः 20% तथा 12.5% कर दिया गया है। चुनिंदा वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (LTCG) की छूट सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दिया गया है।

विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर में क्या बदलाव किए गए हैं?

विदेशी कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स की दर 40% से घटाकर 35% कर दी गई है। इससे विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा और देश में निवेश के अवसर बढ़ेंगे।

बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम 1988 में क्या सुधार किए गए हैं?

बेनामी लेन-देन (निषेध) अधिनियम, 1988 के तहत दोषसिद्धि में सुधार के लिए पूर्ण और सत्य जानकारी देने पर बेनामीदार को दंड व अभियोजन से छूट दी गई है। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा।

एक्वालाइज़ेशन लेवी (Equalization Levy) क्या है?

एक्वालाइज़ेशन लेवी, जिसे आमतौर पर ‘गूगल टैक्स’ भी कहा जाता है, एक कर है जिसे 2016 में भारत सरकार द्वारा पेश किया गया था। इसका उद्देश्य उन विदेशी डिजिटल कंपनियों से कर वसूलना था जो भारतीय बाजार में विज्ञापन सेवाएं प्रदान करती हैं। 2020 में, इस लेवी का विस्तार किया गया और इसे ई-कॉमर्स सप्लाई और सेवाओं पर भी लागू किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य डिजिटल अर्थव्यवस्था में विदेशी कंपनियों द्वारा उत्पन्न राजस्व पर कर लगाना था।

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