V404 Cygni: What is the First Triple Black Hole System? : V404 सिग्नी: पहला ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम क्या है?

हाल ही में खगोलविदों ने एक अनोखे खगोलीय पिंड का पता लगाया है, जिसे “ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम” नाम दिया गया है। इस खोज ने ब्लैक होल की संरचना और उनके आसपास के खगोलीय पिंडों के साथ उनकी परस्पर क्रियाओं के बारे में नई जानकारियाँ प्रदान की हैं। सामान्यतः ब्लैक होल सिस्टम में एक ब्लैक होल के आसपास कोई तारा, न्यूट्रॉन तारा या एक अन्य ब्लैक होल परिक्रमा करता है। यह एक गुरुत्वाकर्षणीय बल के प्रभाव से एक-दूसरे के आसपास चक्कर लगाते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों की नई खोज ने V404 सिग्नी सिस्टम को पहले से ज्ञात बाइनरी सिस्टम से अलग कर इसे ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम के रूप में स्थापित किया है।

V404 सिग्नी सिस्टम: क्या है यह अनोखा ब्लैक होल सिस्टम?

V404 सिग्नी सिस्टम मिल्की वे आकाशगंगा के भीतर स्थित है और पृथ्वी से लगभग 8,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है। इस सिस्टम में तीन प्रमुख पिंड शामिल हैं: एक ब्लैक होल और दो तारे।

  1. पहला तारा – यह तारा ब्लैक होल के काफी करीब स्थित है और लगभग हर 6.5 दिनों में इसकी एक परिक्रमा पूरी कर लेता है। इस तारे पर ब्लैक होल का अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल प्रभाव डालता है, जिसके कारण यह लगातार इसकी ओर खींचता रहता है।
  2. दूसरा तारा – यह तारा पहले तारे की तुलना में ब्लैक होल से बहुत दूर स्थित है और इसे ब्लैक होल के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करने में लगभग 70,000 साल का समय लगता है। इस तारे की उपस्थिति से यह ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम बना है, जो खगोलविदों के लिए एक अनोखी खोज साबित हो रही है।

नई खोज का महत्व:

यह नई खोज खगोलविदों और वैज्ञानिकों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह हमें ब्लैक होल की संरचना और उनकी उत्पत्ति के बारे में नई समझ प्रदान करती है। यहाँ इस खोज के कुछ मुख्य बिंदुओं का विश्लेषण किया गया है:

सुपरनोवा विस्फोट सिद्धांत को चुनौती – V404 सिग्नी सिस्टम में दूरस्थ तारे की उपस्थिति ने ब्लैक होल निर्माण के पारंपरिक सिद्धांत को चुनौती दी है। सामान्यतः, जब कोई तारा सुपरनोवा विस्फोट से ब्लैक होल में परिवर्तित होता है, तो इस प्रक्रिया में आस-पास के पिंड ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाते हैं। लेकिन V404 सिग्नी सिस्टम में यह प्रक्रिया इसके विपरीत है, जिससे यह ब्लैक होल सिस्टम अद्वितीय बनता है।

प्रत्यक्ष विध्वंस (Direct Collapse) – वैज्ञानिकों का मानना है कि यह ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम “प्रत्यक्ष विध्वंस” नामक सिद्धांत के कारण बना है। इस सिद्धांत के अनुसार, जब कोई तारा आस-पास के पिंडों को प्रभावित किए बिना नष्ट हो जाता है, तो अन्य पिंड उसकी कक्षा में स्थित रहते हैं। इसी वजह से दूरस्थ तारा ब्लैक होल के बनने के बाद भी उसकी परिक्रमा करता है और V404 सिग्नी सिस्टम का हिस्सा बना हुआ है।

    ब्लैक होल: संक्षिप्त परिचय और इसके अद्वितीय गुण

    ब्लैक होल एक ऐसा खगोलीय पिंड है, जिसकी अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके पास स्थित कोई भी वस्तु, यहां तक कि प्रकाश भी इससे बाहर नहीं निकल सकता। इसके बाहरी क्षेत्र को “इवेंट होराइजन” कहते हैं, जो उस सीमा को दर्शाता है, जिसके अंदर से निकलने के लिए किसी वस्तु को प्रकाश की गति से भी तेज होना आवश्यक होता है।

    1. ब्लैक होल की उत्पत्ति – ब्लैक होल का निर्माण किसी विशाल तारे के सुपरनोवा विस्फोट से होता है। जब तारा अपना संपूर्ण ईंधन जला लेता है, तो उसके कोर में एक अत्यधिक घनीभूत क्षेत्र बन जाता है, जो अंततः ब्लैक होल का रूप ले लेता है।
    2. इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (EHT) – 2019 में इवेंट होराइजन टेलीस्कोप ने पहली बार एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की तस्वीर कैप्चर की थी, जो M87 नामक एक आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है। यह सुपरमैसिव ब्लैक होल पृथ्वी से लगभग 55 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित है।

    निष्कर्ष:

    V404 सिग्नी सिस्टम का यह ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज है। यह हमें ब्लैक होल और उनके आसपास के पिंडों के बीच की गूढ़ गतिकी को समझने में सहायक हो सकता है। इस प्रकार की खोजें यह बताती हैं कि ब्लैक होल के रहस्यों को पूरी तरह से समझने के लिए खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अभी भी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है। इस खोज ने ब्लैक होल के निर्माण, उनकी संरचना और उनके आस-पास की खगोलीय वस्तुओं पर उनके प्रभाव के बारे में कई नए सवाल खड़े किए हैं, जिनके जवाब खगोलविदों को भविष्य में खोजने होंगे।

    FAQs:

    V404 सिग्नी सिस्टम क्या है?

    V404 सिग्नी सिस्टम एक ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम है जो हमारे मिल्की वे आकाशगंगा के भीतर स्थित है। इसमें एक ब्लैक होल के आसपास दो तारे परिक्रमा कर रहे हैं। इस सिस्टम में मुख्य ब्लैक होल के साथ एक तारा करीब से और दूसरा तारा दूर से परिक्रमा कर रहा है।

    ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम और बाइनरी ब्लैक होल सिस्टम में क्या अंतर है?

    बाइनरी ब्लैक होल सिस्टम में एक ब्लैक होल के आसपास केवल एक तारा या अन्य ब्लैक होल परिक्रमा करता है। वहीं, ट्रिपल ब्लैक होल सिस्टम में एक ब्लैक होल के चारों ओर दो पिंड (जैसे तारे) परिक्रमा करते हैं, जैसे कि V404 सिग्नी सिस्टम में हो रहा है।

    ब्लैक होल क्या है और इसकी विशेषताएँ क्या हैं?

    ब्लैक होल ब्रह्मांड के सबसे सघन पिंड होते हैं जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि उनसे प्रकाश भी बाहर नहीं आ सकता। इसके चारों ओर इवेंट होराइज़न होता है, जो उस सीमा को निर्धारित करता है जहां से निकलने के लिए किसी वस्तु को प्रकाश की गति से भी तेज होना आवश्यक होता है।

    ब्लैक होल के बारे में पहली बार तस्वीर कब खींची गई थी?

    2019 में, इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप (EHT) ने पहली बार एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की तस्वीर खींची थी, जो M87 नामक आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है और पृथ्वी से लगभग 55 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है।

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